Shraddha Murder Case: आफताब को 24 फरवरी को सेशंस कोर्ट में किया जाएगा पेश, दस्तावेजों की जांच हुई पूरी
Aaftab Poonawala News: मंगलवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के दौरान आफताब से पूछा कि क्या उसे आरोप पत्र की प्रति दी गई है और क्या पृष्ठ पढ़े जाने योग्य हैं. इस पर उसने हां में जवाब दिया.
Shraddha Murder News: दिल्ली (Delhi) की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने महरौली (Mehrauli) में श्रद्धा हत्याकांड की सुनवाई की कार्यवाही शुरू करने के लिए इस मामले को मंगलवार को एक सत्र अदालत के पास भेज दिया. अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वॉकर का गला घोंटकर हत्या करने और उसके शव के टुकड़े करने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aaftab Amin Poonawala) को 24 फरवरी को साकेत के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने कहा कि आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए मिथ्या जानकारी देना) के तहत दायर किया गया था. मजिस्ट्रेट ने कहा, "दस्तावेजों की जांच पूरी हो गई है...भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामले विशेष रूप से सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय हैं. तदनुसार आरोपी को 24 फरवरी को दोपहर दो बजे प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाए." उन्होंने कहा, "मामला अब सत्र न्यायालय के सुपुर्द है."
धार्मिक पुस्तक को अदालत में साथ रखने की मांगी अनुमति
इससे पहले दिन में आफताब को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला की अदालत में पेश किया गया और उसने अनुरोध किया कि उसे सुनवाई के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की एक किताब, एक पुस्तिका और एक कलम ले जाने की अनुमति दी जाए, ताकि वह नोट बना सके और अपने अधिवक्ता की सहायता कर सकs. उसने अदालत से एक धार्मिक पुस्तक को अदालत में साथ रखने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया.
आफताब के वकील एम एस खान ने क्या कहा?
मजिस्ट्रेट ने आफताब को संबंधित सत्र अदालत के समक्ष इसके लिए एक आवेदन दायर करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने पूनावाला से पूछा कि क्या उसे आरोप पत्र की भौतिक प्रति दी गई है और क्या पृष्ठ पढ़े जाने योग्य हैं. इस पर उसने 'हां' में जवाब दिया. आफताब की ओर से पेश अधिवक्ता एम एस खान ने अदालत को सूचित किया कि इस अदालत में पहले से ही दो आवेदन दायर किए गए हैं, एक आरोपी के शैक्षणिक प्रमाणपत्र के लिए और नोटपैड, पेंसिल जैसे स्टेशनरी चीजों के लिए और दूसरा आरोपपत्र की उचित 'सॉफ्ट कॉपी' के लिए.
'पेन ड्राइव में उपलब्ध कराई गई थी फुटेज'
एम एस खान ने यह भी कहा कि मामले से संबंधित जो फुटेज पेन ड्राइव में उन्हें उपलब्ध कराई गई थी, वह अनुक्रम में नहीं थी. उन्होंने कहा, "जिस फुटेज में श्रद्धा वॉकर प्रैक्टो ऐप पर बात करती दिख रही है, वह 10-12 सेकंड की अवधि के छोटे हिस्सों में है. वे किसी श्रृंखला या क्रम में नहीं हैं." जांच अधिकारी ने जवाब दिया कि एम एस खान को प्रदान की गई आरोपपत्र की सॉफ्ट कॉपी को विभिन्न फोल्डर में विभाजित किया गया था और इसमें अलग-अलग फुटेज जैसे कि प्रैक्टो ऐप, अपराध स्थल की तस्वीरें और जांच के दौरान की गई बरामदगी की तस्वीरें भी शामिल थीं.
पुलिस ने दायर किया 6,629 पृष्ठों का आरोपपत्र
उन्होंने कहा कि जांच से जुड़ी हर चीज एम एस खान को पहले ही मुहैया करा दी गई थी, जैसे पुलिस को मिली थी. एम एस खान ने इसे लेकर सहमति जतायी कि उन्हें प्रदान की गई पेन ड्राइव में दो हिस्से हैं- आरोपपत्र फोल्डर और प्राथमिकी फोल्डर. मजिस्ट्रेट ने कहा, "जो कुछ भी उपलब्ध है, हम प्रदान करेंगे. विचार आरोपपत्र आरोपी को प्रदान करने का है." उन्होंने एम एस खान को आफताब पूनावाला के साथ 'समन्वय' करने के लिए भी कहा. दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को 6,629 पृष्ठों का आरोपपत्र दायर किया था और अदालत ने सात फरवरी को इसका संज्ञान लिया था.
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