Sitaram Yechury Demise: पांच दशक तक वामपंथी राजनीति की धुरी रहे सीताराम येचुरी ने आज (गुरुवार, 12 सितंबर) दुनिया को अलविदा कह दिया. लेफ्ट के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद रहे सीताराम येचुरी ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. वे लंबे समय से निमोनिया से ग्रसित थे और गंभीर बीमार चल रहे थे.
पिछले 50 साल में सीताराम येचुरी ने वामपंथियों के लिए एक मजबूत ग्राउंड बनाया. साल 1975 में इमरजेंसी काल में येचुरी ने छात्र जीवन के बीच अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की.
पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे सीताराम येचुरी
सीताराम येचुरी का जन्म चेन्नई (तब मद्रास) में साल 1952 में हुआ था. उनके इंजीनियर पिता सर्वेश्वरा येचुरी और माता कल्पकम येचुरी आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे. उनकी माता सरकारी अफसर थीं. हैदराबाद में पले-बढ़े सीताराम येचुरी की दसवीं तक की पढ़ाई भी वहीं हुई. इसके बाद साल 1969 में तेलंगाना आंदोलन के बीच येचुरी दिल्ली आ गए. CBSE के बोर्ड एग्जाम में येचुरी पूरे देश में फर्स्ट आए थे. इसके बाद उन्होंने बीए ऑनर्स की डिग्री ली और फिर JNU से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. दोनों ही डिग्री येचुरी ने फर्स्ट रैंक हासिल कर लीं.
वैचारिक क्षेत्र में उन्होंने कई बड़े योगदान दिए. येचुरी द्वारा लिखी गईं किताबें- 'यह 'हिंदू राष्ट्र' क्या है?' और 'सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता' में उनके विचार स्पष्ट रूप से दिखते हैं.
इमरजेंसी के बीच पीएचडी पूरी नहीं कर सके येचुरी
इतना ही नहीं, सीताराम येचुरी ने जेएनयू से ही इकोनॉमिक्स में पीएचडी कर रहे थे, लेकिन इमरजेंसी के दौरान जेल जाने की वजह से डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके.
साल 1974 में सीताराम येचुरी ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया जॉइन किया और उसके एक साल बाद ही कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सावदी) में शामिल हो गए. साल 2005 से लेकर 2017 तक सीताराम येचुरी पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद रहे.
साल 2021 में हुआ था सीताराम येचुरी के बेटे का निधन
सीताराम येचुरी की पहली शादी इंद्राणी मजूमदार से हुई, जिनसे उनके दो बच्चे हैं. बेटी अखिला येचुरी हिस्ट्री में मेजर हैं और इडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं. बेटे आशीष येचुरी का साल 2021 में कोविड-19 के चलते निधन हो गया था.
येचुरी की दूसरी शादी सीमा चिश्ती से हुई, जो कि दि वायर की संपादक हैं. इससे पहले सीमा चिश्ती बीबीसी हिन्दी सर्विस की दिल्ली एडिटर रही हैं. सीमा चिश्ती इंडियन एक्प्रेस की रेजिडेंट एडिटर भी रही हैं. सीताराम येचुरी अक्सर कहते थे कि उनकी पत्नी ही उन्हें आर्थिक रूप से सहारा देती हैं.
यह भी पढ़ें: सीताराम येचुरी के निधन पर AAP नेताओं ने जताया शोक, संजय सिंह बोले- कॉमरेड को झुककर लाल सलाम