Smriti Irani Om Delhi Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में होती हैं. हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने बहुत कम बयान दिए हैं. इस बीच उन्होंने गुरुवार को 'टॉप एंगल' को सियासी विषयों पर इंटरव्यू दिया. इस कार्यक्रम में जब उनसे यह पूछा गया है कि क्या आप दिल्ली में सीएम का चेहरा बनेंगी? 


इसपर उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में गली नुक्कड़ के चुनाव से लेकर मेयर चुनाव, विधानसभा चुनाव या कोई भी चुनाव क्यों न हो, मेरा नाम लिया जाता रहा है. इस तरह के सवाल अब मुझे न तो परेशान करते हैं, न ही अजूबे लगते हैं. बशर्ते, ऐसे सवालों को मैं  'पिंच ऑफ शॉर्ट' के रूप में लेती हूं.


कितनों को मिलता संसद पहुंचने का मौका?


इससे आगे उन्होंने कहा, "अगर आपको अपने देश, प्रदेश और समाज में सेवा करने का कोई भी मौका मिलता, तो यह विशेषाधिकार है. ऐसा हो भी क्यों नहीं? देश के 140 करोड की आबादी में से कितने लोग होते हैं, जिन्हें संसदीय चुनाव लड़ने का मौका मिलता है. कितने संसद तक पहुंच पाते हैं." 


उन्होंने कहा कि मैं, तीन-तीन बार संसद में पहुंची. केंद्र सरकार में पांच से छह विभाग के मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने का मौका मिला. इसके अलावा, बीजेपी संगठन में राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष के साथ कई पदों की जिम्मेदारी निभाई. अब अगर मुझे कोई जिम्मेदारी मिलती है, मैं, उसे सेवा की दृष्टि से देखती हूं.


'राहुल बदल गए हैं'


कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम आते ही उन्होंने कहा कि दोनों का ईकोसिस्टम अलग-अलग है. एक जेल में हैं. दूसरे का ईको सिस्टम शार्प है कि वो आपको ये याद नहीं दिलाने नहीं देता कि उनका क्या इतिहास है? 


जहां तक राहुल गांधी के पॉलिटिक्स की बात है, तो उसमें चेंज आया है. अब वह सोचते हैं कि वो भारतीय राजनीति में सफल हो गए है. अगर आप उनके स्टाइल को नोटिस करेंगे तो वह जाति पर बोलते हैं, तो ऐसा लगता है कि वो इंस्ट्रूमेंटल होकर बोल रहे हैं. वह टी-शर्ट यूं ही नहीं पहनते. इसके जरिए वो अपने तरीक से युवी पीढी में संदेश दे रहे हैं.


कोई भी व्यक्ति इस गलतफहमी में न रहे, उनका ये कदम बचकाना है. हकीकत है कि वो अलग पॉलिटिक्स कर रहे हैं.


हाथी 'शंकर' के साथी की तलाश में आई तेजी, अंतिम चरण में दिल्ली चिड़ियाघर और वन विभाग के बीच बातचीत