Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा- सिर्फ सोने की स्मगलिंग करना है नहीं आतंकी एक्टिविटी, जानें- क्या है पूरा मामला?
Delhi High Court: जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने कहा कि केवल सोने की तस्करी को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी कृत्य नहीं माना जाएगा.
Gold Smuggling Case: सोने की तस्करी के आरोप में दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. तस्करी के आरोप में 2020 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किए गए थे, हाई कोर्ट ने अब उन नौ लोगों को जमानत दे दी. जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने कहा कि केवल सोने की तस्करी को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी कृत्य नहीं माना जाएगा.
सोने की तस्करी करना आतंकी कार्य नहीं हो सकता- पीठ
पीठ ने आगे कहा कि "नकली मुद्रा या सिक्के का इस्तेमाल, उत्पादन और हस्तांतरण अवैध होने के साथ एक अपराध है. सोने का उत्पादन या उपयोग न तो अवैध है और न ही अपराध है. ऐसे में देश की आर्थिक सुरक्षा या मौद्रिक स्थिरता को खतरे में डाले बगैर सोने की तस्करी करना आतंकी कार्य नहीं हो सकता है."
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी
सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील दी कि देश की आर्थिक स्थिरता को बिगाड़ने के किए जाने वाले आतंकी कृत्य को यूएपीए अधिनियम के संशोधन में परिभाषित करने के लिए किया गया था. यह संशोधन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशों के अनुसार किया गया था. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सोना वैश्विक मुद्रा का एक रूप है और आपराधिक लेनदेन में विनिमय के लिए एक माध्यम के रूप में भी काम करता है. पीठ ने कहा कि संशोधन करते समय 'सोना' शब्द नहीं जोड़ा गया है.
ये है मामला
असम से सोने की तस्करी करके ट्रेन से लाने की जानकारी पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने अगस्त 2020 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 500 से अधिक सोने के बिस्कुट (83.6 किग्रा) के साथ नौ लोगों को गिरफ्तार किया. जिसमें रविकिरण बालसो गायकवाड़, सद्दाम रमजान पटेल, दिलीप लक्ष्मण पाटिल, पवन कुमार मोहन गायकवाड़, अवधूत अरुण विभूते, सचिन अप्पासो हस्बे, अभिजीत नंद कुमार बाबर और योगेश हनमंत रूपनार शामिल थे. आरोपितों के बयान के आधार पर एक अन्य वैभव संपत मोरे को बाद में गिरफ्तार किया गया था. अब हाई कोर्ट ने इन लोगों को जमानत दे दी है.