Delhi Solar Policy 2024: दिल्ली वालों को बिजली की कमी की समस्या से राहत देने और लंबी-लंबी बिजली के बिलों से छुटकारा दिलाने के लिए केजरीवाल सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है.
जिसके तहत, दिल्ली सरकार और एमसीडी के 500 वर्ग मीटर से बड़े 645 इमारतों, जिनमें शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, डीटीसी डिपो, डीटीएल सबस्टेशन और अन्य शामिल हैं, पर ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. इससे न केवल बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे लोगों के पैसों की भी बचत होगी.
दिल्ली सरकार की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इस परियोजना को मंजूरी देने की बात बताते हुए कहा कि सरकारी इमारतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने की ये पहल केजरीवाल सरकार के दिल्ली सोलर पॉलिसी का हिस्सा है.
इसके साथ हमारा विजन राजधानी में सोलर एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि 29 जनवरी, 2024 को कैबिनेट की तरफ से पारित दिल्ली सोलर पॉलिसी को भारत में सबसे अच्छी और सबसे प्रगतिशील पॉलिसी में से एक के रूप में देखा जा रहा है. यह पॉलिसी सौर ऊर्जा के रूप में ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देगी.
पैसों की बचत के साथ-साथ पर्यावरण को भी फायदा
ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि ये शानदार प्रोजेक्ट सरकारी इमारतों को अपनी बिजली की ज़रूरतों को स्वयं पूरा करने में मददगार तो बनेगा ही साथ ही इससे पैसों की बचत के साथ-साथ पर्यावरण को भी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल के साथ हम अपनी सरकारी इमारतों को अधिक ऊर्जा-कुशल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
आगे उन्होंने दिल्ली सरकार की प्रगतिशील सोलर पॉलिसी पर साझा करते हुए कहा, "दिल्ली में बिजली की खपत में वृद्धि के बावजूद, हमारा लक्ष्य 2027 तक शहर की 25 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से उत्पन्न करना है. हमारे इस प्रयास का लक्ष्य सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में दिल्ली को देश के दूसरे राज्यों की तुलना में अव्वल रखना है.
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