Delhi News: अब दिल्ली में ही पूरी होगी जंगल सफारी की ख्वाहिश, असोला भाटी में खुली जिप्सी से कर सकेंगे प्रकृति का दीदार
Delhi News: सफारी के लिए अभयारण्य में 23 किमी का रास्ता चिह्नित किया गया है. हालांकि टिकट और जिप्सी का किराया कितना होगा यह अभी तय नहीं किया गया है. विभाग ने प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है.
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Delhi News: जंगल सफारी का शौक रखने वाले लोगों के लिए बेहद अच्छी खबर है, अब इस शौक को पूरा करने के लिए आपको अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा, दिल्ली में ही आपकी यह ख्वाहिश पूरी हो जाएगी. दिल्ली सरकार का वन एवं वन्यजीव विभाग इसके लिए योजना तैयार कर रहा है. योजना के तहत दक्षिणी दिल्ली के असोला भाटी अभयारण्य में अब जंगल सफारी का आनंद लिया जा सकेगा.
टूरिज्म हब के रूप में विकसित होगा असोला भाटी अभयारण्य
वन एवं वन्यजीव विभाग के मुख्य वन संरक्षक निशीथ सक्सेना ने बताया कि असोला भाटी अभयारण्य को पर्यटकों की सुविधा के हिसाब से इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है. इसके लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है. इस कड़ी में विभाग अभयारण्य में जंगल सफारी को लेकर एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
शुरुआत में चलाई जाएंगी चार खुली जिप्सी
योजना के तहत शुरुआत में चार खुली जिप्सी को चलाया जाएगा. खुली जिप्सी में लोग खड़े होकर प्रकृति की सुंदरता व वन्यजीवों को निहार सकेंगे. उन्होंने कहा कि अभी प्रकृति प्रेमियों को अन्य राज्यों का रुख करना पड़ता है. उन्होंने कहा विभाग प्रस्ताव पर काम कर रहा है, जल्द ही इसे सरकार के समक्ष रखा जाएगा. सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जा सकेगा. अधिकारी ने कहा कि अभयारण्य में पर्यटकों को लाने के लिए पहले बैट्री संचालित वाहनों को शामिल किया गया था लेकिन बीते दिनों ट्रायल के दौरान ये वाहन फेल हो गये.
मिलेगी पौधों व वन्यजीवों की जानकारी
जंगल सवार के दौरान गाड़ी में एक गाइड रखने पर विचार किया जा रहा है जो पर्यटकों को पौधों और वन्यजीवों के बारे में पूरी जानकारी देगा. ऐसे में पर्यटकों में प्रकृति के लिए प्रेम बढ़ेगा.
अभयारण्य में ये वन्यजीव मौजूद
वन्यजीव असोला भाटी अभयारण्य में करीब 193 प्रकार के पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं. इसके अलावा अभयारण्य में तितलियों की 80 प्रजातियां, 100 प्रकार के कीड़े मकोड़े, तेंदुए,नीलगाय, काला हिरण, साही, कस्तूरी बिलाव, सियार, जंगली बिल्ली व लाल गर्दन वाला गिद्ध समेत अन्य प्रकार के वन्यजीव मौजूद हैं. असोला भाटी अभयारण्य को विशेष रूप से तेंदुओं का घर कहा जाता है.
सफारी के लिए 23 किमी का रास्ता चिह्नित
सफारी के लिए अभयारण्य में 23 किमी का रास्ता चिह्नित किया गया है. एक रास्ते से अभयारण्य में एंट्री मिलेगी जबकि एक अन्य द्वार से पर्यटक बाहर निकल सकेंगे. टिकट एंट्री गेट पर ही मिलेगा, हालांकि अभी जिप्सी का किराया तय नहीं किया गया है. विभाग ईंधन की खपथ के आधार पर जिप्सी का किराया तय करेगा.
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