Delhi Latest News: दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में एक चार मंजिला रिहायशी अपार्टमेंट के ऊपर स्थित एक मंदिर जल्द ही असम से लाए जाने वाले हाथी का मालिक बन सकता है. मां बगलामुखी मंदिर जो 2018 में तब चर्चा में आया जब इसने दिल्ली के लाल किले में एक सप्ताह तक चलने वाले राष्ट्र रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया था. 


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस महायज्ञ में बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी एवं आम आमदी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया सहित केंद्रीय और दिल्ली मंत्रिमंडल के एक दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया था. इसके बाद हाथी को रखने के लिए सैनिक फार्म इलाके में 1.5 एकड़ जमीन चिन्हित की गई, जो पानी की कमी से जूझ रहा एक रिहायशी इलाका है.


दरअसल, हाथी को रिहायशी इलाके में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के छह साल बाद आया है, जिसके तहत दिल्ली के आखिरी बंदी हाथियों को बचाया गया था. 


अप्रैल 2024 में असम वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि हाथियों के पुनर्वास पर एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन (सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू) के कार्यालय को जोरहाट में रंजीता नामक एक मादा हाथी के मालिक सिबा नाथ डोले का एक आवेदन भेजा था, जो जानवर को दिल्ली के मंदिर में स्थानांतरित करना चाहता था. बता दें कि 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की अध्यक्षता वाली एचपीसी को पूरे भारत में जब्त या बचाए गए सभी हाथियों के कल्याण और पुनर्वास का प्रभारी बनाया था.


वन अधिकारियों को कोई आपत्ति नहीं


इसके बाद असम सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू के कार्यालय ने प्रस्तावित स्थानांतरण पर दिल्ली में अपने समकक्ष से राय मांगी. एचपीसी द्वारा इस मामले में तेजी लाने के लिए रुचि दिखाने के बाद दक्षिण दिल्ली के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) ने सैनिक फार्म में प्रस्तावित आवास सुविधाओं का निरीक्षण किया, जहां सब कुछ ठीक पाया गया.


इसके बाद असम सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू संदीप कुमार ने कहा, "दिल्ली वन विभाग ने प्रस्तावित स्थानांतरण पर आपत्ति नहीं जताई है. अभी असम सरकार मामले की जांच कर रही है. हम सिविल सोसाइटी से ​मिले प्रस्ताव पर भी विचार कर रहे हैं. 


दिल्ली के सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू श्याम सुंदर कांडपाल ने यह पूछे जाने पर कि क्या सैनिक फार्म हाथी रखने के लिए उपयुक्त है? इसके जवाब में उन्होंने कहा- "हाल ही में कार्यभार संभाला है. उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है."


​​गुरुजी ने ईमेल का नहीं दिया जवाब 


डीएफओ (दक्षिण दिल्ली) विपुल पांडे ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-II में आलीशान, वातानुकूलित बगलामुखी मंदिर चलाने वाले शिव कुमार राय उर्फ ​​गुरुजी ने उन ईमेल का जवाब नहीं दिया. उनसे पूछा गया था कि जोरहाट में अपने मालिक से हाथी को किन शर्तों पर खरीदा जाएगा? जानवर को दक्षिण दिल्ली के एक आवासीय इलाके में स्थानांतरित करने का औचित्य क्या है?


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