Delhi News: गीला कूड़ा और प्लास्टिक लाओ 'खाद ले जाओ', दक्षिण दिल्ली नगर निगम चला रहा खास अभियान
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से कूड़े के सही तरीके से निष्पादन को लेकर अनोखा अभियान चलाया जा रहा है. गीला कूड़ा और प्लास्टिक लाओ 'खाद ले जाओ', ये अभियान चलाया जा रहा है.
नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से कूड़े के सही तरीके से निष्पादन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. दक्षिणी दिल्ली स्थित कालकाजी कंपोस्टिंग साइट पर 50 वायरमैश कंपोस्टर द्वारा रोजाना 15 मेट्रिक टन गीले कूड़े का निष्पादन हो रहा है, इतना ही नहीं इस कंपोस्टिंग साइट पर एक मिनी नर्सरी और नेकी की दीवार बनाई गई है जहां पर गिरा कूड़ा लाओ और खाद ले जाओ जैसे अनूठे अभियान से लोगों को जागरुक किया जा रहा है.
कालकाजी कंपोस्टिंग साइट दिल्ली की सबसे बड़ी कंपोस्टिंग साइट है
कालकाजी कंपोस्टिंग साइट दिल्ली की सबसे बड़ी कंपोस्टिंग साइट में से एक है. यहां रोज 15 मीट्रिक टन गीले कूड़े का निष्पादन, 50 वायरमैश कम्पोस्ट के जरिए किया जाता है और वायरमैश कंपोस्ट बॉक्स के जरिए जैविक खाद बनाई जाती है. इस खाद का उपयोग दक्षिणी दिल्ली के अलग-अलग विद्यालयों की नर्सरी और आरडब्ल्यूए में किया जाता है.
साइट 3r यानी कि रिड्यूस रीयूज रीसाइकिल के सिद्धांत पर चलती है
यह साइट 3r यानी कि रिड्यूस रीयूज रीसाइकिल के सिद्धांत पर चलती है और और इस साइड में कूड़े का निष्पादन किया जाता है जिससे कि लैंडफिल साइट पर कम कचरा हो, इसके साथ ही इस कम्पोस्ट साइट को मिट्टी और भूजल में लीचेट के प्रवेश को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. इस साइट पर गीले कचरे से निकलने वाली लीचेट को एक टैंक में इकट्ठा किया जाता है जो गीले कचरे को गलाने के लिए एक प्राकृतिक रसायन के रूप में कार्य करती है.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने नागरिकों से की ये अपील
इसके साथ ही दक्षिण दिल्ली नगर निगम लगातार सभी नागरिकों से अपील करता है, कि वह गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करें, ताकि उसका निष्पादन आसानी से किया जा सके. अपने घर में रोजाना निकलने वाले कूड़े में गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करके ही कूड़ेदान में डालें, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में बेहतर रैंकिंग पाने के लिए विभिन्न स्वच्छता और जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि नागरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक हों और निगम को भी सहयोग मिले.
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