Delhi: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) को देखते हुए दिल्ली पुलिस के साथ तमाम सुरक्षा एजेंसियां लाल किला के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में लग गई हैं. इस वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव के साथ G-20 की झलक भी 15 अगस्त को देखने को मिलेगी. हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर लाल किला के आसपास अभेद्य सुरक्षा घेरा बनाया जाता है, जिसके कारण राजधानी दिल्ली के आतंकियों के निशाने पर होना है. आतंकी संगठन लगातार दिल्ली में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं, जो स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर ज्यादा बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए जहां एक तरफ लाल किला की घेराबंदी की जा रही है, तो वहीं यमुना में पुलिस कमांडो की तैनाती की जा रही है.


लाल किला के पास जमीन से लेकर आसमान तक अभेद सुरक्षा
बात करें सुरक्षा व्यवस्था की तो लाल किला और प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर दो महीने पहले से ही तैयारियां चल रही हैं, जो अब अपने आखिरी चरण में है. उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कालसी ने बताया कि लाल किला की दीवार से दिल्ली के बॉर्डर तक सुरक्षा के अचूक और पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जमीन से लेकर आसमान तक लाल किले की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है. लाल किले के पास लगातार पीसीआर वैन पेट्रोलिंग कर रही है. इसके अलावा, यमुना में भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. यमुना में दिल्ली पुलिस के कमांडो, गोताखोरों की टीम के साथ लगातार गश्त पर रहेंगे, जिससे किसी भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया जा सके.


PM और लाल किले की सुरक्षा में 10 हजार जवान तैनात
बता दें कि, 15 अगस्त पर लाल किले में होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला की सुरक्षा की जिम्मेदारी कई लेयर में विभिन्न एजेंसियों को दी गयी है. इनमें एनएसजी, एसपीजी, पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवान शामिल हैं. वहीं प्रधानमंत्री के रूट से लाल किला तक 10 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. सिर्फ लाल किला के पास ही लगभग 5 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. जबकि 1 हजार से ज्यादा हाईटेक CCTV कैमरे लाल किला और उसके आसपास लगाए गए हैं. निगरानी के लिए कई मचान और मोर्चे बनाये गए हैं, जबकि लाल किला के पास किसी भी प्रकार के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गयी है. सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए दिल्ली पुलिस समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसी तालमेल बना कर सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने में लगी हुई है.


फेस रिकग्निशन सिस्टम से होगी आतंकियों और संदिग्धों की पहचान
सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर और सख्त बनाने के उद्देश्य से पहली बार इजरायली सॉफ्टवेयर युफ्त कैमरों से संदिग्धों पर नजर रहेगी. लाल किले के चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए इजरायली सॉफ्टवेयर वाला ऑटोमेटिक फेस रिकग्निशन सिस्टम (एफआरसी) से लैस कैमरों से लाल किले के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी. एंट्री और एग्जिट गेट समेत कुल 550 फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस कैमरे लाल किले में लगाए गए हैं.


आतंकियों, संदिग्धों के डोजियर का डेटाबेस सेव
उन आधुनिक फेस रिकग्निशन सिस्टम वाले CCTV कैमरों में आतंकियों, संदिग्धों के डोजियर का डेटाबेस सेव रहेगा. जिसका एक्सेस लाल किला पर बनाए जा रहे सिक्योरिटी कंट्रोल रूम और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के पास रहेगा. ऑटोमेटिक फेस रिकग्निशन सिस्टम संदिग्ध चेहरा डिटेक्ट करते ही तुरंत अलर्ट सिग्नल देकर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर देगा.


व्यूकट के लिए लगाए जाएंगे कंटेनर
चांदनी चौक से लाल किला के डायरेक्ट व्यू कोकट करने के लिए लोहे के बड़े-बड़े कंटेनर खड़े किए जाते हैं. हालांकि, अभी तक कंटेनर खड़े नहीं किए गए है. जबकि डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि इस बार भी सुरक्षा की दृष्टि से चांदनी चौक से लाल किला का डायरेक्ट व्यू कट किया जाएगा. इसके अलावा लाल किला के सामने मुख्य मार्ग से भी व्यू कट के लिए ऊंची वाली खड़ी की गई है.


20 हजार लोगों के पहुंचने की संभावना
बता दें कि, इस बार दस हजार आमंत्रित अतिथियों समेत लाल किला पर करीब 20 हजार दर्शकों के आने की संभावना है. जिसके लिए भी पुलिस ने कड़े बंदोबस्त किए हैं. पुलिस के मुताबिक सुरक्षा की दृष्टि से लाल किला मेट्रो स्टेशन का गेट नम्बर तीन और चार बंद रहेगा. जबकि दूसरी तरफ के गेट लोगों के लिए खुले रहेंगे. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगभग 300 इमारतों की पहचान की गई है, जहां आधुनिक हथियार और दूरबीन के साथ जवान तैनात किए रहेंगे.


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