कंपनी ने क्यों मांगा 3 महीने का वक्त?
दरअसल, सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई 2022 की तारीख तय की थी, जिसके बाद इसे गिराने वाली एडिफिस कंपनी ने तैयारियां शुरू कर दी टावर में विस्फोटक लगाए जाने लगे और इसका ट्रायल ब्लास्ट भी किया गया, एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले का स्वागत करते हुए एबीपी न्यूज को बताया की एडिफिस को इस टावर को गिराने का काम मिला था और तब 22 मई की तारीख पर कंपनी सहमत थी, लेकिन जब इसका ट्रायल ब्लास्ट किया गया उसमे यह बात सामने आई की टावर के कुछ फ्लोर काफी मजबूत है.
इसमें पहले से ज्यादा विस्फोटक का इस्तेमाल करना होगा, अब टावर को गिराने के लिए कम से कम 3,400 किलो से ज्यादा विस्फोटक को जरूरत होगी, विस्फोटक लगाने की तकनीकी प्रकिया समझाते हुए उत्कर्ष मेहता ने बताया की यह टावर हमारी उम्मीद से ज्यादा मजबूत है, और क्योंकि अब विस्फोटक ज्यादा लगेगा तो उसे भरने में वक्त भी ज्यादा चाहिए होगा इसीलिए कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण के सामने यह दलील कर कर ज्यादा वक्त मांगा था लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने वक्त देने से मना कर दिया जिसके बाद एडिफिस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.
प्राधिकरण ने नही दिया था ज्यादा वक्त
बता दे जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला लेते हुए एडिफिस को 3 महीने का और वक्त दे दिया है वहीं इससे लगभग 10 दिन पहले एडिफिस ने नोएडा प्राधिकरण से और सुपरटेक के चेयरमैन से 3 महीने का और वक्त मांगा था, इसपर नोएडा प्राधिकरण ने आपत्ति जाहिर किया और फिर अपने अफसरों के साथ बैठक की, लेकिन बैठक के बाद प्राधिकरण ने एडिफिस को और समय नहीं दिया, इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.
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