(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
CBSE Class 12: सुप्रीम कोर्ट की CBSE छात्रों को बड़ी राहत, इंप्रूवमेंट एग्जाम को लेकर ये शर्त हटाई
SC ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि वो उन छात्रों को अनुमति दे जो या तो फेल हो गए या अपनी कक्षा 12 की सुधार परीक्षा में कम अंक प्राप्त किए, ताकि वो अपने मूल मूल्यांकन स्कोर को बरकरार रख सकें.
CBSE: सुप्रीम कोर्ट ने CBSE के 12वीं के छात्रों को बड़ी राहत दी है. जो छात्र परीक्षा में फेल हुए हैं या फिर कम नंबर हासिल कर पाए हैं, ऐसे छात्रों के पास अपना ओरिजिनल असेसमेंट स्कोर रखने का विकल्प होगा. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने CBSE को निर्देश दिया है कि छात्रों को अपना एकेडमिक करियर सुरक्षित करने का अधिकार है और बोर्ड को ये विकल्प छात्रों को देना ही होगा.
11 छात्रों की याचिका पर हुई सुनवाई
इस मामले को लेकर जस्टिस एएम खानविलकर और सीटी रविकुमार ने आदेश जारी किया है. दरअसल 11 छात्रों की तरफ से इस मुद्दे को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका में CBSE की टैब्युलेशन पॉलिसी 2021 को चुनौती दी गई थी. इस नीति के तहत छात्रों के इंप्रूवमेंट एग्जाम के स्कोर को ही फाइनल माना जाता है. दरअसल कुछ छात्र अपने ओरिजिनल स्कोर्स में परीक्षा में पास थे लेकिन इंप्रूवमेंट एग्जाम में फेल हो गए थे. ऐसे कुछ छात्र पहले ही अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम्स में दाखिला ले चुके थे और अब उनके पास अपना एकेडमिक करियर बचाने की जद्दोजहद बची थी.
कोर्ट ने खंड-28 की शर्त को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब ऐसे छात्र अपने ओरिजिनल स्कोर का इस्तेमाल कर पाएंगे और उनका एकेडमिक ईयर खराब होने से बच जाएगा. मामले में बेंच की तरफ से कहा गया कि पहले जब आपने ऐसा किया है तो दोबारा ऐसा करने में परेशानी क्या है. हमें बताइए कि ऐसा क्यों संभव नहीं है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच की तरफ से कहा गया कि हमें खंड-28 की उस शर्त विशेष को खारिज करने में कोई हिचकिचाहट नहीं जिसमें आखिरी परीक्षा में हासिल किए गए स्कोर को फाइनल माना जा रहा है.
बता दें कि 11 छात्र याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता ममता शर्मा ने किया, जिन्होंने कहा कि सीबीएसई की नीति से छात्रों को एक महत्वपूर्ण साल गंवाना होगा और अदालत से सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण की मांग की.
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