Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट के 7 वकील बनेंगे अब न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 मई को हुई बैठक में दिल्ली हाई कोर्ट के सात वकीलों को अधिवक्ताओं को न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
दिल्ली के सात वकीलों को न्यायधीशों (जज) के रुप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 मई 2022 को हुई अपनी बैठक में मंजूरी दे दी है. इस बैठक में जिन नामों को मंजूरी दी गई है उनमें, विकास महाजन, तुषार राव गेडेला, मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा, सचिन दत्ता, अमित महाजन, गौरांग कंठ और सौरभ बनर्जी का नाम शामिल है. साल 2022 में फरवरी के महीने में दिल्ली हाईकोर्ट में 4 जजों की नियुक्ति हुई, अब इस समय दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या 34 है.
बता दें कि किसी हाई कोर्ट में जज के बनने के लिए लॉ की बैचलर डिग्री होनी चाहिए और 10 साल तक न्यायिक पर कार्य करने का अनुभव भी होना चाहिए. हाई कोर्ट के जज बनने के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित नही की गई है, हालांकि 62 बर्ष की आयु पूरी नहीं हो. हाई कोर्ट में एक मुख्य न्यायधीश और अन्य न्यायधीश होता है. जहां हाई कोर्ट के मुख्यन्यायधीश को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, लेकिन उससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश और उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श जरूर लिया जाता है. इसके बाद राजपाल इसके संबंध में प्रधानमंत्री से परामर्श करके उस राज्य के हाई कोर्ट में जज की नियुक्ति करता है.
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वहीं इनकी सैलरी की बात की जाए तो संसद द्वारा हाई कोर्ट के जज का वेतन और भत्ता समय- समय पर निर्धारित किये जाते हैं. इस समय देखा जाए को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 90000 और अन्य सभी न्यायाधीश का वेतन 80000 हजार होता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के परामर्श से होती है.