Noida Latest News: सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में सोमवार (पांच अगस्त) को सुनवाई के बाद नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा यादव सिंह को गिरफ्तारी से राहत देते हुए सोमवार को अग्रिम जमानत प्रदान की. नोएडा प्राधिकरिण के पूर्व अभियंता यादव सिंह पर आरोप है कि उन्होंने दिसंबर 2011 में आठ दिनों में 954 करोड़ रुपये के कथित तौर पर 1,280 रखरखाव ठेके जारी किए थे. 


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने यादव सिंह को हर महीने की सात तारीख को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने और मुकदमे में सहयोग करने का निर्देश दिया है. 


सीबीआई ने जताई ये आशंका 


सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने कहा कि एजेंसी को आशंका है कि याचिकाकर्ता न्याय प्रक्रिया से बचकर विदेश भाग सकता है. इसके जवाब में पूर्व अभियंता यादव सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले ही अपना पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा करा दिया है. 


इसके बाद मामले की सुनवाई कर रही दो जजों की पीठ ने कहा, “पासपोर्ट जमा कराए जाने और उपरोक्त शर्तों के मद्देनजर हम जमानत देना उचित समझते हैं. अगर पुलिस मामले के संबंध में याचिकाकर्ता (यादव सिंह) को गिरफ्तार करना चाहती है तो संबंधित अधिकारी की संतुष्टि के अनुसार 50 हजार रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि के दो स्थानीय जमानती पेश करने पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा.


12 साल पहले सीबीआई ने दर्ज किया था मुकदमा 


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 25 अक्टूबर, 2019 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एक अलग और परिणामी धन शोधन मामले में यादव सिंह को जमानत दी थी. सीबीआई ने जनवरी 2012 में यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था. 


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