Delhi MCD News: दिल्ली नगर निगम (MCD) में उपराज्यपाल विनय सक्सेना (LG Vinai Saxena) की तरफ से मनोनीत पार्षद यानी एल्डरमैन की नियुक्ति ( MCD Alderman Appointment) के खिलाफ दिल्ली सरकार (Delhi government) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) में बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने एलजी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस मसले पर 10 अप्रैल को सुनवाई होगी. दिल्ली सरकार ने कहा है कि पार्षद मनोनीत करना राज्य सरकार का अधिकार है, न कि उपराज्यपाल का.


दरअसल, दिल्ली नगर निगम चुनाव परिणाम आने के बाद उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने एमसीडी के 12 जोन में से तीन जोन में 10 मनोनीत एल्डरमैन अप्वाइंट किए थे. तभी से आम आमदी पार्टी और दिल्ली सरकार इसका विरोध करती आई है. दिल्ली मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद वोट कर सकते हैं या नहीं यह मसला भी शीर्ष अदालत तक पहुंचा था. 


अगली सुनवाई 10 अप्रैल को


इस मामले में आप का दावा है कि एमसीडी में पार्षदों को मनोनीत करना दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि एलजी का कहना है कि एमसीडी में पार्षदों को मनोनीत करना उनका संवैधानिक अधिकार है. दिल्ली सरकार ने एलजी के इस रुख के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने उपराज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी किया है. एलजी आफिस से इस मसले पर अपना रुख साफ करने को कहा है। अब इस मसले पर आगामी सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. 


बता दें कि 31 मार्च के बाद एमसीडी में नए मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव होना है. चुनाव कब होगा ये अभी तय नहीं है, लेकिन जब भी चुनाव होगा एल्डरमैन काउंसलर्स का मुद्दा आम और बीजेपी के बीच सियासी तनाव का कारण बनेगा, इतना तय है. ऐसा इसलिए सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद मेयर चुनाव तो संपन्न हुए, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव अभी तक नहीं हो पाए हैं.


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