(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा MCD का घमासान, तय समय पर चुनाव कराने की याचिका पर कोर्ट ने दी नई तारीख
Delhi MCD Mayor Election: एमसीडी की पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने दो बार सदन की बैठक बुलाई, लेकिन दोनों बार हंगामे की वजह से उन्होंने चुनाव स्थगित कर दिए.
MCD Mayor Election: आम आदमी पार्टी की नेता और पार्षद शैली ओबेरॉय (Shaili Oberoi ) की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर बहस के लिए 3 फरवरी नई डेट तय की है. इस मामले में आप नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एमसीडी मेयर का चुनाव (MCD Myor Election) जल्द कराने की मांग की थी.
इससे पहले शुक्रवार को आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार डॉ. शैली ओबेरॉय की ओर से देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने पेश हुए. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि दिल्ली में मेयर पद के चुनाव समय पर कराने की मांग को लेकर आम दिल्ली मेयर का चुनाव 24 जनवरी 2023 को होना था, जिसे कुछ पार्षदों के हंगामे के बाद एलजी द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी ने अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा के इस फैसले की वजह से मेयर क चुनाव रुक गए हैं. दिल्ली नगर निगम (MCD) के नवनिर्वाचित सदन की पहली बैठक भी 6 जनवरी को मेयर चुनाव कराने के मकसद से हुई थी, लेकिन AAP और BJP सदस्यों के हंगामे के कारण चुनाव स्थगित कर दी गई.
फैसले के खिलाफ आप ने एससी में दायर की थी याचिका
दरअसल, आप नेता व एमसीडी मेयर पद की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने मेयर पद का चुनाव जल्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका के जरिए उन्होंने मांग की है कि शीर्ष अदालत ये निर्देश दे कि मेयर पद का चुनाव पीठासीन अधिकारी तय समय में कराएं. बता दें कि दिसंबर में दिल्ली नगरपालिका के चुनाव हुए और 7 दिसंबर को परिणाम भी आ गए थे. उसके बाद से अभी तक मेयर के चुनाव नहीं होपाए हैं. जनवरी में दो बार यानी 6 जनवरी और 24 जनवरी को मेयर चुनाव की तारीख तय की गई, लेकिन दोनों ही बार सदन में बीजेपी और आप के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने चुनाव को स्थगित कर दिए. दूसरी बार पीठासीन अधिकारी ने मेयर चुनाव का चुनाव अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया. इस बात को लेकर आप नेता काफी नाराज हैं. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ 24 जनवरी को एमसीडी सदन में अंदर पांच घंटे से ज्यादा देर तक धरना भी दिया था.
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