साउथ दिल्ली नगर निगम द्वारा शाहीन बाग इलाके में अतिक्रमण अभियान के खिलाफ सीपीआई (एम) द्वारा दायर की गई याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमने कभी भी सभी को यहां आने और यह कहने का लाइसेंस नहीं दिया कि मेरा घर तोड़ा जा रहा है भले ही वह अनधिकृत हो. कोर्ट के आदेश के तहत आश्रय हम जब और जब भी हस्तक्षेप कर सकते हैं. इसके साथ ही कहा गया है कि अगर कानून का कोई उल्लंघन होता है, तो सुप्रीम कोर्ट निश्चित रूप से कदम उठाएगा, लेकिन इस तरह के राजनीतिक दलों के इशारे पर नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सीपीआई (एम) मामला दर्ज कर रही है? हम समझ सकते हैं कि हमारे सामने कोई प्रभावित पक्ष आ रहा है. बता दें कि शाहीन बाग इससे पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध के दौरान काफी चर्चा में रहा था. यहां पर अब सोमवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर बुलडोजर लेकर पहुंचे जिसका स्थानीय निवासियों ने सामने खड़े होकर काफी विरोध किया.
इस विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान सहित कांग्रेस नेता शामिल हुए. इन नेताओं ने एसडीएमसी की इस कार्रवाई का काफी विरोध की. आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि यहां कोई अतिक्रमण नहीं है, एमसीडी बताए अतिक्रमण कहां है? इलाके में जो अतिक्रमण था उसे हटा दिया गया है. हमने खुद अतिक्रमण हटवाया था, MCD वापस जाए. बीजेपी सिर्फ हिंदू-मुसलमान करना चाहती है.