Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को डीएनडी पर विज्ञापन लगाने की इजाजत
दिल्ली नोएडा डायरेक्ट यानी डीएनडी फ्लाईवे पर नोएडा वाले हिस्से में नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड को विज्ञापन के होर्डिंग्स लगाने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है.
![Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को डीएनडी पर विज्ञापन लगाने की इजाजत Supreme Court: Supreme Court allows Noida Toll Bridge Company to place advertisements on DND Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को डीएनडी पर विज्ञापन लगाने की इजाजत](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/20/58c011e49d8e00f81299a9f943403eb2_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
DND Flyway: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) को उत्तर प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र में स्थित दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) ‘फ्लाईवे’ पर विज्ञापन लगाने की बुधवार को अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने राज्य सरकार के प्राधिकार को कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से परहेज करने को कहा.
शुल्क भुगतान नहीं करने पर हटाया गया था विज्ञापन
आपको बता दें कि अधिकारियों ने बढ़े हुए लाइसेंस शुल्क का कथित रूप से भुगतान नहीं करने के कारण एनटीबीसीएल द्वारा लगाए गए विज्ञापनों को हटा दिया था. एनटीबीसीएल की ओर से वकीलों की फर्म करंजा वाला एंड कंपनी ने लाइसेंस शुल्क में वृद्धि का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट एनटीबीसीएल की याचिका पर अंतिम सुनवाई अब मार्च 2022 में करेगा और फिलहाल निजी कंपनी को 125 रुपये प्रति वर्ग फुट का लाइसेंस शुल्क नोएडा प्राधिकरण को देना होगा.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बंद कर दिया था टोल संग्रह
जनवरी 2001 में टोल रोड के रूप में उद्घाटन होने के बाद, अक्टूबर 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश के बाद डीएनडी फ्लाईवे पर टोल संग्रह बंद कर दिया गया था. कंपनी ने उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. कंपनी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों ए. एम. सिंघवी और सिद्धार्थ भटनागर ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने उसकी वित्तीय संपत्तियों को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के एकमात्र उद्देश्य से उसकी संपत्ति को जब्त कर लिया था. एनटीबीसीएल ने अपनी याचिका में कहा है कि टोल संग्रह बंद होने के बाद कंपनी पूरी तरह से पुल के दैनिक रखरखाव के लिए विज्ञापन राजस्व पर निर्भर थी.
यह भी पढें-
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)