Delhi News: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड में ट्रेनिंग के लिए भेजे जाने के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल के दखल को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. केजरीवाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है, कोर्ट इस मामले पर 14 अप्रैल को सुनवाई करेगा. 


'LG तय कर रहे हैं कब, किसे और कैसे भेजना है'


भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डॉ धनंजय यशवंत चद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि हम 14 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करेंगे. दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए  वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित है. उन्होंने कहा कि एलजी यह तय कर रहे हैं कि किस शिक्षक को भेजना है, कैसे भेजना है और कब भेजना है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम इस मामले पर 14 अप्रैल को सुनवाई करेंगे.


उपराज्यपाल ने कुछ शर्तों के साथ दी थी फिनलैंड में ट्रेनिंग की मंजूरी


बता दें कि हाल ही में दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के प्रस्ताव पर कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी. उन्होंने अपनी ओर से भी ट्रेनिंग पर भेजे जाने के लिए कुछ टीचरों के नाम की मंजूरी दी थी. उन्होंने ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने वाले प्राथमिक प्रभारियों की संख्या 52 से बढ़ाकर 87 कर दी है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि शिक्षा विभाग के सभी 29 प्रशासनिक अंचलों से प्राथमिक प्रभारियों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके.


एलजी ऑफिस की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि शिक्षा निदेशालय के लगभग 450 विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाएं हैं. इन सभी प्राथमिक प्रभारियों की ट्रेनिंग से इन सभी कक्षाओं के छात्रों को ट्रेनिंग का समान लाभ मिल सकेगा. इसी बात को लेकर एलजी कार्यालय और सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया है. दिल्ली सरकार ने एलजी पर सरकार के काम में दखल देने का आरोप लगाया है.


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