Supreme Court Hear Terminate 23 Week pregnancy Plea: दिल्ली सुप्रीम कोर्ट से अपने 23 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति न मिलने के बाद एक अविवाहित महिला ने बुधवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अपनी अपील को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की. न्यायालय इस पर गुरुवार को सुनवाई करेगा. महिला के वकील ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि मामले को आज भी सूचीबद्ध नहीं किया गया है, जबकि हर गुजरता दिन उसके लिए महत्वपूर्ण है.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैंने इसे सूचीबद्ध करने का आदेश दे दिया है और यह मामला कल आएगा. याचिका का उल्लेख मंगलवार को भी किया गया था और आज सुनवाई की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति से इनकार करते हुए कहा था कि यह वस्तुतः भ्रूण की हत्या के बराबर है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इस महिला को 23 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि गर्भपात कानून के तहत आपसी सहमति से बनाये गये संबंध के कारण गर्भधारण की स्थिति में 20 सप्ताह के बाद गर्भपात की इजाजत नहीं है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने महिला की इस दलील पर केंद्र से जवाब मांगा था कि अविवाहित महिलाओं को 24 सप्ताह तक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति नहीं देना भेदभावपूर्ण है. 16 जुलाई को जारी एक आदेश में दिल्ली हाई कोर्ट की एक पीठ ने महिला को 23 सप्ताह के भ्रूण को गर्भपात करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.