पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित स्वामी दयानंद अस्पताल के वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ को चेतावनी दी गई है कि अगर वे विरोध प्रदर्शन जारी रखते हैं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी. अस्पताल का एक कार्यालय आदेश में कहा गया है कि, "कोविड महामारी की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए सभी कनिष्ठ डॉक्टरों और वरिष्ठ डॉक्टरों को 3 फरवरी, 2022 को सुबह 9 बजे तक अपनी ड्यूटी पर वापस आने का निर्देश दिया जाता है. अन्यथा, हम आपकी सेवाओं को समाप्त करने और नए जेआर/एसआर को नियुक्त करने के लिए मजबूर होंगे. अस्पताल में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने के लिए यह आवश्यक है."


ईडीएमसी द्वारा संचालित अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारी एक फरवरी से लंबित वेतन तत्काल जारी करने की अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अस्पताल के आरडीए अध्यक्ष डॉ अतुल जैन ने कहा, "हम केवल अपना अधिकार मांग रहे हैं. प्रशासन से कोई मांग नहीं है. हमने अद्यतन वेतन जारी करने और मासिक वेतन नियमित करने और सभी बकाया राशि का लिखित आश्वासन मांगा है." डॉ जैन ने कहा कि हमने सबसे खराब कोविड लहरों से लड़ाई लड़ी है, लेकिन हमें हमारे वेतन का सही मुआवजा भी नहीं मिल रहा है. जैन ने आगे कहा, "ईडीएमसी आयुक्त ने हमें अप्रैल तक दो महीने का वेतन देने का आश्वासन दिया है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है. अप्रैल तक और चार महीने का वेतन देय होगा. हमारे पास अपने अधिकारों के लिए विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है."


उन्होंने कहा कि वेतन भुगतान का मुद्दा कई बार अस्पताल प्रशासन के समक्ष उठाया गया, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने भी डॉक्टरों के विरोध का समर्थन किया है. एफआईएएमए ने एक ट्वीट में कहा, "एमसीडी द्वारा संचालित स्वामी दयानंद अस्पताल दिल्ली के कोरोना योद्धा अपने मूल अधिकारों के लिए प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें पिछले 4 महीनों से वेतन नहीं मिला है."


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