Swami Dipankar Sankalp on Sanatani Hindu: हिंदू सनातन व्यवस्था के प्रमोटर और अध्यात्मवादी स्वामी दीपांकर सनातनी (Swami dipankar Sanatani) अपने एक बयान की वजह से चर्चा में हैं. सोमवार को भिक्षा यात्रा के दौरान दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उनका एक बयान  सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, उन्होंने दिल्ली में भिक्षा यात्रा कार्यक्रम में शामिल लोगों को संकल्प दिलाया था. वायरल वीडियो में भारी संख्या में लोगों को संकल्प दिलाते हुए वह यह कहते सुनाई देते हैं कि क्या आप लोग तैयार हैं, भीड़ से आवाज आती है, हां - तैयार हूं. 


https://twitter.com/swamidipankar/status/1612285826129596416


इसके बाद स्वामी दीपांकर सनातनी कार्यक्रम में भारी संख्या में शामिल लोगों को संकल्प दिलाते हुए कहते हैं - अब आप संकल्प लेते हुए वही बोलिए जो मैं बोलूंगा. इसके बाद वो कहते हैं - 'मैं, संकल्प लेता हूं जातियों में बंटकर नहीं, एक सनातनी होकर रहूंगा.' उनके कहने पर 9 जनवरी को दिल्ली में हजारों लोगों ने ये संकल्प लिया कि वो एक सनातनी और हिंदू ही रहेंगे… प्रत्येक हिंदू, हिंदू ही रहे रहे जातियों में बंटे नहीं, 
यही मेरी #भिक्षा_यात्रा है…


Swami Dipankar सनातनी कौन हैं?
स्वामी दीपांकर सनातनी एक संत, समाज सुधारक हैं. वह UNEP #FaithforEarth, काउंलर #NoToNoise प्रमोटर, iMeditate सूत्र के माध्यम से 'वन वर्ल्ड वन मेडिटेशन' की आकांक्षा रखने वाले अध्यात्मवादी हैं. साथ ही सनातन हिंदू विचारधारा के काम में सक्रिय हैं. 


केजरीवाल के मंत्री राजपाल को देना पड़ा था इस्तीफा
बता दें कि पांच अक्टूबर 2022 को दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम की एक धर्मांतरण कार्यक्रम में मौजूदगी विवादों में आने के बाद उन्होंने सात अक्टूबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.उनपर कथित तौर पर हिंदुओं का धर्मांतरण दूसरे धर्म में कराने और हिंदू देवी-देवताओं की निंदा करने का आरोप लगा था. बीजेपी ने उस समय गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला करने के लिए इसे सियासी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल किया था. बीजेपी ने राजेंद्र पाल गौतम पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया था. 


इसके जवाब में राजेंद्र पाल गौतम ने एक ट्विट के जरिए कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से 5 अक्तूबर को हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे और इससे उनकी पार्टी से या उनके मंत्री होने का कोई लेना देना नहीं था. उन्होंने केजरीवाल व आप को निशाने पर लेने के लिए बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया था कि इस मसले पर भगवा पार्टी के नेता ‘गंदी राजनीति' कर रहे हैं. 


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