Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में 11 साल पहले 16 दिसंबर की रात निर्भया के साथ जो हैवानियत हुई थी, उस घटना से दिल्ली ही नहीं पूरा देश हिल गया था. यही वजह रही कि उसे इंसाफ दिलाने के लिए पूरे देश से आवाजें उठी और दोषियों को फांसी की सजा दी गई. इस घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी बातें हुई. यहां तक कि कानून भी बदल दिए गए. आज इस घटन को हुए एक दशक से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है. इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्ली में कितनी संजीदगी से काम किया गया है और इसका कितना असर हुआ है इसकी पड़ताल करने के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और आयोग की सदस्य वंदना सिंहने दिल्ली के बस स्टॉप का जायजा लिया. शाम में समय बस स्टॉप का जायजा लेने के दौरान दौरान कई जगह ब्लैक स्पॉट का सामना करना पड़ा. वह असुरक्षित बस स्टॉप को देखकर काफी निराशा और हैरान हुईं. जिस पर उन्होंने पीडब्लूडी को नोटिस जारी किया.
डीसीडब्ल्यू चीफ मालीवाल ने बताया कि शाम 6:45 बजे रमेश पार्क बस स्टॉप के दौरे के दौरान वह यह देखकर हैरान रह गईं कि बस स्टॉप पर पूरी तरह से अंधेरा था. सड़क के उस हिस्से पर स्ट्रीट लाइटें भी काम नहीं कर रही थीं. वहीं, बस स्टॉप का पिछला हिस्सा भी पूरा सुनसान था. पूरा बस स्टॉप अंधेरे में डूबा हुआ था और वह बसों में चढ़ने या उतरने वाली महिलाओं और लड़कियों के लिए असुरक्षित था. इसके अलावा, आयोग ने रमेश पार्क बस स्टॉप से ललिता पार्क तक पुश्ता रोड का भी निरीक्षण किया. वहां भी सड़क पर बिल्कुल अंधेरा था क्योंकि कोई भी स्ट्रीट लाइट काम नहीं कर रही थी. कई खंभों पर स्ट्रीट लाइट भी नहीं थी, जिससे सड़क पर काफी अंधेरा था जो महिलाओं के लिए काफी असुरक्षित था. ललिता पार्क बस स्टॉप पर भी अंधेरा देख कर उन्होंने वहां महिलाओं से बातचीत की, तो पता चला कि सड़क और बस स्टॉप का पूरा हिस्सा कई महीनों से अंधेरे में रहता है, जो उनके लिए बेहद असुरक्षित है.
आयोग को मिल रही कई शिकायतें
स्वाती मालीवाल ने लोगों से खचाखच भरी बसों में यात्रा की और महिलाओं से उनकी सुरक्षा के बारे में बातचीत की. जो महिलाएं अक्सर बसों में यात्रा करती हैं, उन्होंने बताया कि वे सुनसान बस शेल्टरों पर अक्सर असुरक्षित महसूस करती हैं. मालीवाल ने कहा कि आयोग को दिल्ली में बस स्टॉप पर अंधेरे स्थानों के संबंध में कई शिकायतें मिल रही हैं.
PWD को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
आयोग ने पीडब्ल्यूडी से इन लाइटों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगकर जवाबदेही तय की है. इसके अलावा, आयोग ने इन बस स्टॉप और सड़कों पर अंधेरे स्थानों के संबंध में 1 जनवरी 2022 से प्राप्त शिकायतों और प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्रवाई का भी विवरण मांगा है. आयोग ने पीडब्लूडी से बस शेल्टरों और स्ट्रीट लाइटों पर तुरंत रोशनी सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए तत्काल कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी है.
12 साल बाद भी दिल्ली महिलाओं के लिए असुरक्षित
स्वाती मालीवाल के मुताबिक निर्भया की भयावह घटना के 12 साल बाद भी दिल्ली महिलाओं और लड़कियों के लिए असुरक्षित बनी हुई है. जिन बस स्टॉपों का मैंने निरीक्षण किया वे अक्षरधाम के बिल्कुल पास थे. यदि ऐसे केंद्रीय क्षेत्र में भी अंधेरा है, तो कोई केवल कल्पना ही कर सकता है कि बाहरी क्षेत्रों में क्या हो रहा होगा. मैंने पीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी कर दिया है. हम मामले पर सख्त कार्रवाई करेंगे. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस स्टॉप और सड़कों को महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाया जाए.