Delhi Politics News: दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने सोमवार को राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भर दिया. पर्चा दाखिल करने के बाद उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में भावुक होते हुए कहा कि मैं एक सामान्य  परिवार से आती हूं. मेरे परिवार से अभी तक कोई राजनीति में नहीं है. इसके बावजूद आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह व पार्टी ने मुझ पर इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए भरोसा किया है. यह मेरे लिए खुशी की बात है. 


पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा इस काबिल समझे जाने पर स्वाति मालीवाल ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. मेरी पूरी कोशिश होगी इसे पूरा कर सकूं. साथ ही पार्टी नेताओं के भरोसा को भी कायम रख सकूं. 


महिलाओं को उनका हक दिलाना पहली प्राथमिकता


इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारतीय व्यवस्था और लोगों के बीच अभी तक मेरी पहचान एक एक्टिविस्ट की है. महिला सुरक्षा और कल्याण, बाल अधिकार और गरीबों के उन्नयन को लेकर मेरी मुहिम की शुरुआत साल 2006 में सुंदर नगर की बस्ती से की थी. उस समय मैंने अरविंद केजरीवाल के साथ अपने करिअर को आगे बढ़ाया था. पिछले 17 सालों के दौरान इन मामलों में बहुत हद तक सफलता मिली. अभी तक मैं, अपनी मुहिम को लेकर सड़कों पर आवाज उठाती रही हूं. अब मुझे संसद में महिलाओं यानी आधी आबादी की आवाज उठाने का मौका मिलेगा. 


ऐसी व्यवस्था बने ताकि रेपिस्ट बच न सकें


स्वाति मालीवाल का कहना है कि आज भी महिला सुरक्षा को लेकर बहुत काम करने की जरूरत है. संसद में महिला सुरक्षा से संबंधित पहलुओं को उठाऊंगी. देश की आधी आबादी को उनका हक दिलाने का काम बाकी है. उन्होंने पूरी व्यवस्था से पूछा है कि कैसे आज भी  8 माह और 85 साल की महिला का रेप हो जाता है? महिला सुरक्षा आज भी अहम मसला है. गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो रेप और उनके परिजनों की हत्यारोपी को जेल से रिहा कर दिया. बीजेपी सरकार द्वारा बि​लकिस बानो के आरोपियों को रिहा करना महापाप है. यह शर्मनाक है. मेरी कोशिश होगी, एक ऐसी व्यवस्था बने रेप के कातिल बच न सकें. उन्होंने ये भी कहा कि महिला सुरक्षा के अलावा, बाल विकास और गरीबों से संबंधित मसलों को भी संसद में उठाऊंगी. 


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