Manipur News: स्वाती मालीवाल ने मणिपुर में की राष्ट्रपति शासन की मांग, जानें द्रौपदी मुर्मू को भेजी रिपोर्ट में किस बात का किया जिक्र
Manipur Violence: स्वाति मालीवाल ने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बताया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों को मणिपुर का दौरा करना चाहिए.
Delhi News: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने हिंसाग्रस्त मणिपुर दौरे को लेकर अपनी रिपोर्ट भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दी है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मणिपुर मई 2023 से जातीय संघर्षों से जूझ रहा है. परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई हैं. कई घर, सांस्कृतिक स्थल और धार्मिक स्थल नष्ट हो गए और अनगिनत परिवारों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा.
दरअसल, दो महिलाओं के साथ यौन हिंसा को दर्शाने वाले वायरल वीडियो के सामने आने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सीडब्लूसी सदस्य वंदना सिंह के साथ 23 जुलाई को चुराचांदपुर, मोइरांग, कोंगपोकपी और इंफाल जिलों सहित हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने हिंसा से प्रभावित लोगों से बातचीत भी की. उन्होंने इन जिलों में विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया और देखा कि पीड़ित लोगों को कितनी गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने दिल्ली में कुछ महिलाओं और लड़कियों से भी बातचीत की, जो हिंसा के दौरान मणिपुर से भाग गईं थीं. यात्रा के दौरान डीसीडब्लू की टीम ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात की थी.
मालीवाल ने की 4 मसलों पर अमल की मांग
दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा लेने की अपील की है. उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों को मणिपुर का दौरा करना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रपति से तीन एसआईटी गठित करने की भी मांग की है.
पीड़ितों को मिले 25 लाख मुआवजा
स्वाति मालीवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच दाल पुलिस बलों से 4000 से अधिक अत्याधुनिक हथियार लूटने और पिछले तीन महीनों में पुलिस की निष्क्रियता और मिलीभगत के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच करने की भी मांग की है. डीसीडब्लू ने यौन हिंसा के सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने को कहा है. मामले की सुनवाई राज्य के बाहर करने को भी कहा है. उन्होंने कहा है कि मणिपुर हिंसा की सुनवाई दिल्ली में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए. पीड़ित लोगों को उस राज्य में स्थानांतरण और पुनर्वास का विकल्प दिया जाना चाहिए जहां उनका मुकदमा चले. पीड़ितों को उचित परामर्श, कानूनी सहायता, आवास, सुरक्षा और आजीविका के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए. पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को तत्काल 25 लाख रुपये का मुआवजा पैकेज प्रदान किया जाए.
शिकायत दर्ज कराने के लिए गठित हो हेल्पलाइन
दिल्ली महिला आयोग ने यौन हिंसा के मामलों की शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने की भी सिफारिश की है. इसमें कहा गया है कि यौन हिंसा का इस्तेमाल अक्सर संघर्ष क्षेत्र में कमजोर लोगों को अपमानित करने और आतंकित करने के लिए एक हथियार के रूप में किया जा रहा है. आशंका है कि पिछले तीन महीनों में मणिपुर में ऐसे कई मामले सामने आए होंगे. प्रशासन को तत्काल एक हेल्पलाइन स्थापित करनी चाहिए, जो महिलाओं को यौन हिंसा के मामलों की शियाकत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करे. सरकार को इस हेल्पलाइन का व्यापक प्रचार करना चाहिए और गोपनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि कई महिलाएं और लड़कियां सामाजिक कलंक के डर से यौन अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए आगे नहीं आ रही होंगी.
दिल्ली महिला आयोग की रिपोर्ट में शामिल प्रमुख बातें:
- दिल्ली महिला आयोग ने गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ-साथ उन बच्चों के कल्याण के अलावा हिंसा के दौरान अनाथ हो गए लोगों के लिए पर्याप्त सहायता, काउंसलिंग, पौष्टिक भोजन, कपड़े, चिकित्सा सहायता, सैनिटरी नैपकिन, वेक्टर जनित बीमारियों से सुरक्षा और राहत शिविरों में बुजुर्गों, विकलांगों और अनाथ बच्चों के लिए विशिष्ट देखभाल की सुविधा प्रदान करने की मांग की है.
- स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए आयोग ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की सिफारिश की है. जो छात्र विस्थापित हो गए हैं, उनके लिए जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों में स्थित कॉलेजों में प्रवेश की सुविधा मुहैया कराने की भी मांग की है.
- हिंसा प्रभावित जिलों में आयोग ने राहत सामग्री के निर्बाध प्रवाह की अनुमति देने के लिए सड़कों पर नागरिक नाकाबंदी पर रोक लगाने की भी मांग की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर के उन लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जानी चाहिए, जिन्हें न्यायिक हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है.
- मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को परिवारों को लौटाने, हिंसा से बचने के लिए भाग गए मणिपुरी लोगों के लिए अन्य राज्यों में राहत शिविर स्थापित करने, इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाने के अलावा आवागमन के लिए सभी जिलों और पड़ोस के शहर आइजोल तक हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करने का जिक्र भी रिपोंर्ट में है.
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