Kolkata Rape Murder Case: आज पूरा देश आजादी का उत्सव मना रहा है और देश भर में आज जश्न का माहौल है, लेकिन इस बीच देश भर में डॉक्टरों और आम नागरिकों में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ क्रूरता से किये गए रेप और हत्या को लेकर रोष की भावना है.


इस कारण जगह-जगह प्रदर्शन भी हो रहे हैं. इस घटना को लेकर दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की इस भयानक अपराध से निपटने में नाकामी, प्रशासनिक असफलता, अस्पताल प्रशासन द्वारा इस हत्या को आत्महत्या बताने और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने समेत उन तमाम तीखे मुद्दों से संबंधित पत्र लिखकर इस मामले के दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.


मालीवाल ने अपने पत्र में उठाये ये महत्वपूर्ण मुद्दे


स्वाती मालीवाल ने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ''प्रशिक्षु डॉक्टर का ड्यूटी के दौरान निर्ममतापूर्वक रेप किया गया, गला घोंट कर हत्या कर दी गई और उसे अमानवीय चोटें पहुंचाई गईं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भयानक विवरण सामने आए हैं, जिनमें Genital उत्पीड़न और गंभीर शारीरिक अत्याचार के सबूत मिले हैं''. अपने पत्र में, सांसद मालीवाल ने राज्य प्रशासन द्वारा दिखाई गई तत्परता और ईमानदारी की कमी पर सवाल उठाया है.


उन्होंने इस बात पर गहरा दुख जताया कि पुलिस, अपराध में कोई महत्वपूर्ण प्रगति करने में विफल रही, जबकि आरोपी स्वयं कोलकाता पुलिस का एक सिविक वॉलंटियर था. पत्र में उन्होंने पीड़िता के परिवार को सूचित करने में देरी और अस्पताल प्रशासन पर इस हत्या को आत्महत्या बताने की कोशिश पर नाराज़गी जतायी. वहीं उन्होंने पत्र के माध्यम से यह भी कहा, "राज्य सरकार की भूमिका अत्यधिक संदिग्ध है और कई सवाल खड़े करती है." 


मुख्यमंत्री के अधीन कानून-व्यवस्था की पूर्ण विफलता: मालीवाल


उन्होंने अपने पत्र में मामले के बाद की घटनाओं की भी निंदा की, जिसमें सार्वजनिक दबाव में इस्तीफा देने वाले अस्पताल के प्रधानाचार्य को पुनः पदस्थापित करना शामिल है. इसके अलावा उन्होंने अस्पताल में हुई गुंडागर्दी हुई, जिसमें आपातकालीन विंग को नष्ट कर दिया गया. गवाहों को और भयभीत करने और जांच में बाधा उत्पन्न करने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वे इसे मुख्यमंत्री के अधीन कानून और व्यवस्था की पूर्ण विफलता करार देती हैं.


पश्चिम बंगाल में रेप के मामलों के निरंतर राजनीतिकरण की निंदा


प्रशासन की आलोचना करते हुए, सांसद मालीवाल ने पश्चिम बंगाल में रेप के मामलों के निरंतर राजनीतिकरण की निंदा की, जिसमें सत्तारूढ़ दल की चुप्पी और ध्यान भटकाने की रणनीतियों पर जोर दिया. उन्होंने राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के पिछले मामलों को याद किया, जिनसे निपटने में इसी तरह की निष्क्रियता और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति की गई, जो लोकतंत्र और जनता के विश्वास दोनों को कमजोर करती है.


राजनीति से ऊपर उठकर कठोर कार्रवाई करें मुख्यमंत्री: मालीवाल


मालीवाल ने इस दुर्भाग्य पूर्ण घटना को लेकर कहा कि आज जब हम अपने राष्ट्र की आज़ादी का जश्न मना रहे हैं, तो हम कैसे जश्न मना सकते हैं जब हमारे देश की महिलाएं अब भी भय में जी रही हैं और न्याय उनसे दूर है? उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे उदाहरण पेश करें, विशेष रूप से जब वे देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं.


उन्होंने ममता बनर्जी से राजनीतिक निष्ठा से ऊपर उठने और त्वरित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया, ताकि अपराधियों को सजा दी जा सके और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के अधिकारों और गरिमा की रक्षा की जा सके. उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा किसी भी सरकार के लिए एक प्राथमिकता होनी चाहिए, जो राजनीतिक हितों से परे होनी चाहिए.


अपने पत्र में उन्होंने इस भयावह अपराध में शामिल अपराधियों के लिए सख्त सजा की मांग की है और यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रशासन में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है कि भविष्य में ऐसी चूक न हो. कोलकाता और भारत के अन्य हिस्सों में डॉक्टरों और नागरिक संगठनों के नेतृत्व में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, उनका पत्र राष्ट्रीय आक्रोश और तत्काल बदलाव की आवश्यकता को उजागर करता है.