ताहिर हुसैन को दिल्ली चुनाव लड़ने के लिए मिलेगी जमानत? HC का खटखटाया दरवाजा
Delhi Election 2025: दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दी है. एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक की मोहलत मांगी है.
Tahir Hussain Sought Interim Bail: आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने फरवरी 2020 के दंगों से संबंधित हत्या के एक मामले में शुक्रवार (10 जनवरी) को दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी है. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अदालत से अंतरिम जमानत की मांग की है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक याचिका जस्टिस अमित शर्मा के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी, जिन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया था, जिसके बाद इसे जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के समक्ष लिस्टेड किया गया था, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं की गई.
14 जनवरी से 9 फरवरी तक की मोहलत मांगी
13 जनवरी को सुनवाई के लिए निर्धारित अपनी याचिका में हुसैन ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक की मोहलत मांगी. ताकि वो शारीरिक रूप से नामांकन फॉर्म दाखिल कर सके और प्रचार कर सकें. वकील तारा नरूला की ओर से दायर आवेदन, मामले में हुसैन की लंबित जमानत याचिका का एक हिस्सा है.
हुसैन ने जमानत याचिका में क्या कहा?
हुसैन ने जमानत याचिका में कहा कि उन्होंने 4 साल 9 महीने जेल में बिताए हैं और हालांकि मामले की सुनवाई शुरू हो गई है, लेकिन अभियोजन पक्ष के 114 गवाहों में से अब तक केवल 20 से पूछताछ की गई है. हुसैन ने कहा कि उन्हें लंबी कैद का सामना करना पड़ा है और चूंकि कई गवाहों से पूछताछ बाकी है, इसलिए मुकदमा जल्द पूरा नहीं होगा. उनकी याचिका में कहा गया है कि सह-अभियुक्त व्यक्तियों, कथित तौर पर दंगाई भीड़ में शामिल थे और हत्या का अपराध कर रहे थे, उन्हें हाई कोर्ट जमानत दे दी गई थी.
24 फरवरी 2020 को उत्तरपूर्वी दिल्ली में भड़की थी हिंसा
बता दें कि 24 फरवरी, 2020 को उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 26 फरवरी, 2020 को शिकायतकर्ता रविंदर कुमार ने दयालपुर पुलिस स्टेशन को सूचित किया कि उनका बेटा अंकित शर्मा, जो इंटेलिजेंस ब्यूरो में तैनात था, 25 फरवरी, 2020 से लापता है. यह आरोप लगाया गया था कि शर्मा का शव दंगा प्रभावित क्षेत्र में खजूरी खास नाले से बरामद किया गया था और उनके शरीर पर 51 चोटें थीं.
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