Delhi Industrial Area: दिल्ली के 26 नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्र की बदलेगी सूरत, 6 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार
Delhi Non Conforming Industrial Area: दिल्ली सरकार नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास कर उन्हें कंफर्मिंग क्षेत्रों में बदलना चाहती है.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में कई ऐसे रिहायशी इलाके हैं, जहां की 70 प्रतिशत जमीन पर औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं. ये औद्योगिक क्षेत्र घोषित न होने की वजह से इन औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले लोगों को वो लाभ नहीं मिल पाता है, जो उद्योगों को मिलना चाहिए. अब ऐसी जगहों पर औद्योगिक गतिविधियों को करने वाले लोगों के लिए दिल्ली सरकार एक बड़ी खुशखबरी ले कर आई है, जो इन नॉन कंफर्मिंग क्षेत्रों में उद्योग करने वाले लोगों के लिए काफी लाभकारी होगी.
दरअसल, दिल्ली सरकार नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास कर उन्हें कंफर्मिंग क्षेत्रों में बदलना चाहती है. सरकार का मानना है कि इससे जहां उन क्षेत्रों के उद्योगों को लोन लेने में सहूलियत होगी, वहीं इससे 6 लाख नए रोजगार भी पैदा होंगे. जिनसे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सकेगा. इस पहल को लेकर की गई समीक्षा बैठक में सीएम केजरीवाल ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इससे जुड़े कामों में तेजी लाने का निर्देश दिया. सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों में ले-आउट प्लान बनाने का 90 फीसदी खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी. केवल 10 फीसद हिस्सा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से लिया जाएगा, जिससे इंडस्ट्री की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को विश्वस्तरीय औद्योगिक क्षेत्र में तब्दील किया जाएगा. इस दौरान उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीडीए ने समय पर नियमित औद्योगिक क्लस्टर नहीं बनाएं. नतीजा यह हुआ कि नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक एरिया बनते गए. दिल्ली के कई इलाकों में उद्यमी अपने व्यवसायों और कारखानों को चलाने के लिए आवासीय जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का होगा पुनर्विकास
दिल्ली सरकार की इस योजना के तहत 26 नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास किया जाएगा. इनमें आनंद पर्वत, शाहदरा, समयपुर बादली, जवाहर नगर, सुल्तानपुर माजरा, हस्तसाल पॉकेट ए, नरेश पार्क एक्सटेंशन, लिबासपुर, पीरागढ़ी गांव, ख्याला हस्तसाल पॉकेट डी, शालीमार गांव, न्यू मंडोली, नवादा, रिठाला, स्वर्ण पार्क मुंडका, हैदरपुर, करावल नगर, डाबरी, बसई दारापुर, प्रह्लादपुर बांगर, मुंडका उद्योग नगर दक्षिण फिरनी रोड मुंडका, रणहोला, नंगली सकरावती व टिकरी कलां शामिल हैं. इन क्षेत्रों के पुनर्विकास के बाद कंफर्मिंग एरिया घोषित कर दिया जाएगा.
3 चरणों में होगा पुनर्विकास कार्य
पहले चरण में दिल्ली सरकार एमपीडी 2041 की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ले आउट योजना तैयार करेगी, जिसे स्थानीय उद्योग एसोसिएशन साथ साझेदारी में तैयार किया जाएगा. दूसरे चरण में बुनियादी ढांचे का पुनर्विकास किया जाएगा. इसके तहत औद्योगिक क्षेत्रों को हरा-भरा, स्वच्छ और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, सीवेज सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, पेयजल आपूर्ति, औद्योगिक अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था कर सड़कों को बेहतर बनाया जाएगा. आखिरी चरण में कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स का निर्माण किया जाएगा. इसके तहत औद्योगिक क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से एक्सपीरियंस सेंटर, टूल रूम, प्रोसेसिंग सेंटर, अनुसंधान एवं विकास, मान्यता प्राप्त टेस्ट लैब, ट्रेनिंग सेंटर, बिजनेस कंवेंशन सेंटर, कच्चा माल बैंक और लॉजिस्टिक सेंटर आदि बनाए जाएंगे.