Child Adoption Proces: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बच्चा गोद (Child Adoption) लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. दरअसल याचिकाकर्ता का कहना था कि देश में लगभग 3 करोड़ अनाथ बच्चे हैं और करोड़ों निसंतान दंपति हैं. लेकिन कानूनी जटिलताओं के चलते हर साल लगभग 4,000 बच्चे गोद लिए जाते हैं. इस जनहित याचिका में कोर्ट से ये भी अपील की गई है कि देश के सभी नागरिकों के लिए बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया एक समान होनी चाहिए. चलिए यहां जानते हैं वर्तमान में देश में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया क्या है.


भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया है बेहद जटिल


बता दें कि भारत में बच्चों को गोद लेने के लिए माता-पिता को काफी जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. भारत में बच्चों को गोद लेने के की प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए सरकार द्वारा एक प्राधिकरण का निर्माण किया गया है. इसका नाम है केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (Central Adoption Resource Authority-CARA). यह केंद्र की महिला और बाल देखभाल मंत्रालय की देखरेख में काम करता है.भारत में किसी बच्चे को गोद लेने के लिए व्यक्ति को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा करना जरूरी है. ये नियम इस प्रकार हैं


बच्चा गोद लेने के लिए ये हैं नियम



  • भारत में भारतीय नागरिक, NRI और विदेशी नागरिक हर कोई बच्चे को गोद ले सकता है लेकिन, तीनों के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने अलग-अलग नियम तय किए हैं.

  • इसके साथ ही सिंगल पैरेंट या कपल दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं.

  • अगर कोई कपल बच्चे को गोद ले रहा है तो उस कपल की शादी हुए 2 साल होने चाहिए.

  • गोद लिए हुए बच्चे और माता-पिता की उम्र में कम से कम 25 साल का फर्क होना चाहिए.

  • इसके साथ ही माता-पिता को पहले से कोई जानलेवा बीमारी नहीं होनी चाहिए.

  • बच्चे गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की सहमति अनिवार्य है

  • अगर कोई महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो वह लड़का या लड़की में से किसी को भी आसानी से गोद ले सकती हैं.

  • लेकिन अगर कोई पुरुष बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे केवल लड़का ही गोद दिया जाता है. वहीं कपल लड़का या लड़की में से किसी को भी गोद ले सकता है.

  • माता-पिता की बच्चा गोद लेते समय आर्थिक स्थिति अच्छी होनी चाहिए.


बच्चा गोद लेने के लिए इस प्रक्रिया को करना होता है पूरा



  • बच्चे को गोद वाले माता-पिता को CARINGS www.cara.nic.in पर खुद को रजिस्टर करना होता है इसके अलावा माता-पिता मान्यता प्राप्त भारतीय प्लेसमेंट एजेंसियां में बच्चे को गोद लेने के लिए एप्लिकेशन डाल सकते हैं.
    ये रजिस्ट्रेशन प्रोसेस केवल भारत के निवासियों के लिए ही है

  • इसके बाद आप उस एजेंसी को सिलेक्ट कर सकते हैं जहा से आप बच्चा अडॉप्ट करना चाह रहे हैं.

  • ऐसा करने के बाद आईडी और पासवर्ड जनरेट होगा.

  • मांगे गए सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स 30 दिनों के भीतर आपको जमा कराने होंगे.

  • ऐसा करने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट हो जाएगा जो माता-पिता को दे दिया जाएगा.

  • इसके बाद कोर्ट की कागजी कारर्वाई शुरू होगी.

  • कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाग ही बच्चा गोद लिया जा सकता है.


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बच्चे गोद लेने के लिए आवेदन करने वालों को इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूरत



  • माता-पिता का पासपोर्ट साइज फोटो.

  • दोनों का बर्थ सर्टिफिकेट.

  • एड्रेस प्रूफ के लिए वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस,पासपोर्ट, आधार कार्ड, टेलिफोन बिल आदि जमा कर सकते हैं.

  • शादीशुदा कपल के लिए मैरिज सर्टिफिकेट.

  • तलाकशुदा के लिए डिवोर्स पेपर्स.

  • माता-पिता का हेल्थ सर्टिफिकेट.


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