Delhi News: राजधानी दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई काम लगातार चल रहे हैं. जिसमें PWD, NHAI समेत विभिन्न एजेंसियों द्वारा कई परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है.लेकिन बीते दिनों राजधानी में बारिश और फिर यमुना में आये बाढ़ की वजह से जन-जीवन तो अस्त-व्यस्त हुआ ही, साथ ही चल रहे कई परियोजनाओं पर भी इसका असर पड़ा है. जिससे कुछ परियोजनाओं के काम बाधित हो गए हैं, तो कुछ काफी धीमी रफ्तार से चल रही है.जिस कारण उनके समय पर पूरा होने की कम ही संभावना नजर आ रही है.
बाढ़ के वजह से सराय काले खां के पास सिग्नल फ्री कॉरिडोर का इंतजार किया लंबा
बात करें परियोजनाओं की तो इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित PWD द्वारा सम्पन्न की जा रही परियोजनाएं हुई हैं, इसके अलावा मेट्रो और NHAI की परियोजनाओं पर भी बाढ़ का खासा असर पड़ा है. सराय काले खां को जाम मुक्त बनाने PWD द्वारा रिंग रोड पर बनाये जा रहे फ्लाईओवर का काम रिंग रोड पर पानी भरने और फिर बारिश की वजह से रुक गया है. इसे 14 जुलाई तक पूरा किये जाने का लक्ष्य था. लेकिन दिल्ली में लगातार बारिश के बाढ़ की वजह से इस पर काफी असर पड़ा है और अब इसके अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके पूरा हो जाने पर रिंग रोड का लगभग चार किलोमीटर का हिस्सा सिग्नल फ्री हो जाएगा, इससे ITO से साउथ दिल्ली की तरफ जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत हो जाएगी.
प्रगति मैदान और भैरों सिंह मार्ग पर PWD की कई परियोजनाएं रुकी
PWD की ही दूसरी परियोजना, भैरो मार्ग-रिंग रोड अंडरपास का भी कार्य बाढ़ की वजह से बाधित हुआ पड़ा है. यमुना से सटे होने के कारण यहां पर पानी का रिसाव होने लगा था. पानी भरने के कारण दो हफ़्तों से यहां काम बंद था. हालांकि, अब यहां से पानी को निकाल दिया गया है, बावजूद इसके अभी यहां पर काम रफ्तार नहीं पकड़ पाई है. वहीं, भैरीं सिंह मार्ग और मथुरा रोड पर सड़क के सौंदर्यीकरण कार्य और भी बाढ़ का असर पड़ा है. बाढ़ का पानी भरने से सौंदर्यीकरण का काम पूरी तरह से बंद पड़ा है. प्रगति मैदान में होने वाले शिखर सम्मेलन के मद्देनजर इसके आसपास की सड़क, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज को ठीक कर ग्रीन कवर को बढ़ाया जाना था, जो फिलहाल रुका पड़ा है.
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला प्रोजेक्ट हुआ बाधित
बात करें NHAI के परियोजनाओं की तो, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए अक्षरधाम गोल चक्कर के पास से 60 किलोमीटर लंबा कनेक्टर बनाया जा रहा है. इसे मार्च 2024 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य है, लेकिन बाढ़ और बारिश का असर इस कार्य पर भी पड़ रहा है. दिल्ली में बन रहा इसका एक हिस्सा यमुना क्षेत्र से शुरू होता है. उसके बाद यमुना से निकलने वाली नहर के किनारे फरीदाबाद तक जाता है. लेकिन बारिश और बाढ़ के कारण कई इलाकों में हुए जल भराव की वजह से इसके काम को रोकना पड़ा है.
तय समय पर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पूरा होने की उम्मीद हुई धूमिल
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम भी बाढ़ की वजह से प्रभावित हुआ है. इसका बड़ा हिस्सा यमुना से सटे इलाके से होकर गुजरता है. यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद करीब सात किलोमीटर लंबे हिस्से में काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया. जिसके चलते जनवरी 2024 के अंत तक इस प्रोजेक्ट के पूरा 'होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
DMRC की फेज-4 की मौजपुर-मुकुंदपुर कॉरिडोर प्रॉजेक्ट भी अंतिम चरण में अटका
वहीं यमुना के बाढ़ से डीएमआरसी की मौजपुर-मुकुंदपुर कॉरिडोर प्रॉजेक्ट का काम भी प्रभावित हुआ है और आखिरी चरण में रोकना पड़ा है. फेज-4 में बन रहे 12 किलोमीटर लंबे मौजपुर से मुकुंदपुर कॉरिडोर पर कुल आठ स्टेशन हैं. यह ऐसा कॉरिडोर है जो पांचवीं बार यमुना के ऊपर से गुजरेगा. यहां पर यमुना पर मेट्रो पुल का निर्माण लगभग हो चुका है, लेकिन डूब क्षेत्र में पानी भरने से आखिरी चरण में इसकी फिनिशिंग समेत अन्य काम पर असर पड़ा है. हालांकि, मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि इससे तय समय सीमा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
ये भी पढ़ें: Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों कहा- 'हर नागरिक को पासपोर्ट रखने का कानूनी अधिकार है', पढ़ें पूरी खबर