Delhi Covid-19 Vaccination: दिल्ली सरकार के एक विश्लेषण से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक कोविड -19 टीकाकरण की दूसरी खुराक के लिए एलिजिबल लोगों में से केवल 0.1% लोगों ने पहली खुराक से गंभीर दुष्प्रभाव और दूसरे राज्यों में प्रवास जैसे कारणों का हवाला देते हुए शॉट लेने से इनकार कर दिया है.स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह दिखाता है कि अन्य छोटे राज्यों की स्थिति के विपरीत, दिल्ली में लोगों के बीच टीके को लेकर झिझक कम है.


अधिकारी ने बताया कि, “आबादी के एक बहुत छोटे हिस्से ने पहली टीकाकरण खुराक और प्रवास से गंभीर दुष्प्रभावों सहित कारणों का हवाला देते हुए दूसरी खुराक लेने से इनकार कर दिया है. जब टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ, तो नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे एनसीआर कस्बों के कई लोग, जिन्हें अपने राज्यों में टीकाकरण स्लॉट नहीं मिल रहे थे, अपनी पहली खुराक लेने के लिए दिल्ली आ रहे थे.”


दिल्ली में 100 फीसदी लोगों को दी जा चुकी है पहली डोज


बता दें कि दिल्ली ने पहले ही वैक्सीन की पहली डोज का 100% कवरेज हासिल कर लिया है, और अधिकारियों ने कहा कि वे पहले ही दिल्ली के लगभग 85% निवासियों को दूसरी खुराक दे चुके हैं. सरकार के को-विन डैशबोर्ड के डाटा से पता चला है कि दिल्ली ने अब तक 30,078,643 वैक्सीन खुराकें दी गई हैं, जिसमें 17,103,914 पहली खुराक, 12,645,322 दूसरी खुराक और 60 से ऊपर के 329,407 को एहतियाती खुराक दी गई हैं.


कोविड पीक के चलते वैक्सीन सेंटर में कम संख्या में पहुंचे लोग


वहीं अधिकारी ने कहा कि हालांकि दिल्ली अभी तक "वैक्सीनेशन परिपूर्णता" तक नहीं पहुंची है, दरअसल इसके पीछे कारण ये है कि पिछले कुछ हफ्तों में टीकाकरण अभियान धीमा हो गया है क्योंकि लोग "कोविड पीक के बीच" लोगो वैक्सीन सेंटर में कम संख्या में पहुंचें. अधिकारी ने यह भी कहा कि कई लोग पांचवीं लहर के दौरान पॉजिटिव पाए गए. इस कारण उन्हेंअपनी वैक्सीन की खुराक लेने से पहले तीन महीने तक इंतजार करना पड़ा.


टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए कैंप लगाने के प्रयास जारी


हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वे टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में कैंप लगाने के अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर (सामुदायिक चिकित्सा) डॉ संजय राय ने कहा कि,  “टीकाकरण निश्चित रूप से उन कारकों में से एक है जिनकी वजह से हमने इस बार कम संक्रमण और तुलनात्मक रूप से कम मौतें देखीं.  वहीं पिछले साल, हम टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर रहे थे और बहुत से लोगों को टीका नहीं लगाया गया था, लेकिन इस बार कवरेज अच्छा है. ”


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