Delhi News: राजधानी में बीते दिनों हुई कुछ घंटो की बारिश के बाद जगह-जगह जलभराव जैसी स्थिति ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आगामी मानसून के दौरान बारिश होने पर दिल्ली की स्थिति कैसी होगी. इस बात को ध्यान में रखते हुए मेयर शैली ओबेरॉय ने एक बैठक कर दिल्ली नगर निगम द्वारा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए 15 जून की डेडलाइन अधिकारियों के सामने तय कर दी है. इसको लेकर लगातार विभागीय अधिकारियों के साथ दिल्ली की मेयर हर हफ्ते मीटिंग कर रही हैं, लेकिन दिल्ली नगर निगम के लिए सीवर और जलभराव जैसी समस्या से निपटना आसान नहीं होगा.
15 जून से पहले ठीक कर लें व्यवस्था
दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉक्टर शैली ओबरॉय की अध्यक्षता में पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग व दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठकों का दौर लगातार जारी है. नालों की सफाई सीवर निकासी व अन्य जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए दिल्ली मेयर द्वारा अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द क्षेत्रीय समस्याओं को दुरुस्त कर लिया जाए. इसके अलावा, तैयार किए गए स्पेशल वाररूम और सीसीटीवी कैमरे की मदद से भी चिन्हित जगहों पर निगरानी रखी जाएगी.
इन स्थानों पर जलभराव सबसे ज्यादा
दिल्ली में कुल 426 किलोमीटर की ड्रेनेज लाइन है, जिसमें हर साल लगभग 165 से अधिक जगहों पर सबसे ज्यादा जलभराव होता है. इन्हीं क्षेत्रों में 5 बड़े जगहों को हॉटस्पॉट के तौर पर भी चिन्हित किया गया है. दिल्ली में सबसे ज्यादा पुल प्रहलादपुर फ्लाईओवर, लोनी रोड गोल चक्कर, मिंटो ब्रिज, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन, WHO के ठीक सामने स्थित रिंग रोड, कराला कंझावला रोड के सामने बरसात के समय सबसे ज्यादा पानी लगता है. जलभराव की वजह से राहगीरों को मानसून की बारिश के समय काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस वजह से घंटो तक वाहनों की लंबी कतारें हर साल मानसून के दौरान देखी जाती है.
सिर्फ 50MM बारिश झेल सकती है दिल्ली
एक रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे में सिर्फ 50MM बारिश का पानी ही दिल्ली झेल सकती है. ऐसे में आप अनुमान लगा सकते हैं कि कुछ घंटों की बारिश दिल्ली के लिए कितनी मुश्किलें खड़ी कर सकती है. वैसे दिल्ली नगर निगम द्वारा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर 15 जून तक की डेडलाइन तय की गई है. इस बार दिल्ली नगर निगम से लेकर दिल्ली विधानसभा तक एक ही दल के नेतृत्व में इन समस्याओं के निजात दिलाने के लिए काम करने की चुनौती है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच बेहतर तालमेल की अपेक्षा की जा रही है. मौसम विभाग की मानें तो जुलाई के पहले सप्ताह तक दिल्ली में मानसून दस्तक दे सकता है. वैसे, अब मानसून के दस्तक के बाद ही पता चलेगा कि दिल्ली नगर निगम की जमीन पर तैयारियां कितनी दुरुस्त हैं.
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