Delhi News: राजधानी दिल्ली समेत देश भर में इस वक़्त आई फ्लू (Eye Flu) संक्रमण तेजी से फैल रहा है. मॉनसून के मौसम में अक्सर आई फ्लू या पिंक आई के मामले सामने आते हैं. लेकिन इस बार यह संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. यह एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. दिल्ली में भी इसका संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है, जिससे काफी लोग खास तौर पर बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं और दिल्ली के अस्पतालों में काफी संख्या में इसके मरीज इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं.


वायरस और बैक्टीरिया की वजह से तेजी से फैल रहा आई फ्लू
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के राजेंद्र प्रसाद नेत्र केंद्र के निदेशक डॉ जीवन सिंह तितियाल ने बताया कि मानसून के मौसम में हर वर्ष यह बीमारी फैलती है, लेकिन इस बार इसकी रफ्तार पहले से काफी ज्यादा है, जो अगले सप्ताह से कम होनी शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस वक़्त एम्स में हर दिन 70 से 100 मरीज आई फ्लू के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि, आई फ्लू की जांच के दौरान कुछ में एडिनोवायरल वायरस तो वहीं कुछ मरीजों में स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया की पहचान की गई.


3 सप्ताह तक ठीक नहीं होने पर तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
उन्होंने बताया कि यह वायरस व्यक्ति की आंख में हमेशा रहता है और जब भी आंखों में लाली आती है या शरीर की इम्युनिटी कमजोर होती है तो यह रोग उत्पन्न हो जाता है. सामान्यतः यह 7 से 14 दिन रहता है, और कई बार संक्रमण को पूरी तरह से ठीक होने में 3 सप्ताह भी लग सकते हैं. लेकिन जब इस समय सीमा के भीतर मरीज के इस रोग में सुधार नहीं होता है तो उसे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.


अस्वच्छता और अनचाहे संपर्क से बढ़ा संक्रमण
डॉ. तितियाल के मुताबिक, इस वर्ष बारिश की अधिकता और बाढ़ के गंदे पानी के चलते आई फ्लू या पिंक आई रोग काफी तेजी से फैल रहा है. इसका कारण रिहायशी क्षेत्र में अस्वच्छता और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर अनचाहे लोगों से संपर्क होना भी है. इस रोग को लेकर लोगों में यह भ्रम है कि यह रोग आंख से आंख में देखने से होता है, जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है. दरअसल यह रोग हाथों के जरिये फैलता है. 


इन उपायों को अपनाकर करें बचाव
आँख की पलकों में सूजन आने पर सूती कपड़े को गर्म करके या बर्फ कपड़े में लपेटकर आँख की सिकाई करें. इसकी रोकथाम के लिए स्वयं को साफ सुथरा रखें. बार बार अपनी आंखों को न हाथों और आंखों को धो कर साफ तौलिये या रुमाल से पोछ अपनी चादर समेत इन चीजों को भी अलग रखें.


आंखों पर पहने चश्मा
आई फ्लू के मरीज को काला चश्मा पहनना चाहिए, जिससे तेज रोशनी और धूप के चलते उसकी आंखों पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े. वहीं चश्मा पहनने के कारण मरीज अपनी आंखों को बार बार छूने से भी बच सकेगा और संक्रमण भी फैलने से रुक सकेगा.