Delhi News: नेशनल हाईवे पर अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि कुछ वाहन गलत दिशा में चल रहे होते हैं. रॉन्ग साईड में चलने की वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन ऐसे वाहन चालक खुद के साथ औरों के लिए भी कई बार खतरा बन जाते हैं. एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर तीन दिन पर रॉन्ग साईड में चलने के कारण एक हादसा होता है. खास कर ऐसे हादसे कोहरे के दौरान और भी बढ़ जाते हैं. रॉन्ग साईड में गाड़ी चलाना सड़क हादसों का दूसरा बड़ा कारण है. साल 2017 से 2021 तक इन हादसों में 43 हजार लोगों की जानें गई हैं. सिर्फ 2021 में इस कारण हुए हादसों में 20,351 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.


लगाए जाएंगे स्पाईक बैरियर


रॉन्ग साईड में चलने के कारण होने वाले इन हादसों पर लगाम लगाने के मकसद से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, नेशनल हाईवे पर स्पाईक बैरियर लगाने जा रहा है. एक अधिकारी में अनुसार इसकी शुरुआत मेट्रो सिटी से गुजरने वाले नेशनल हाईवे से होगी. वहीं, इन बैरियर को लगाने पर होने वाले खर्च की 50% राशि को रॉन्ग साईड से आने वाले वाहनों से जुर्माने के रूप में वसूले रकम से निकालने की तैयारी है. सड़क एवं  परिवहन मंत्रालय की इस पहल से रॉन्ग साईड में चलने वाले वाहनों दोहरी परेशानी को झेलना पड़ेगा. जहां एक तरफ रॉन्ग साईड से आते ही स्पाईक बैरियर की वजह से उनकी गाड़ी पंक्चर हो जाएगी, तो वहीं दूसरी तरफ रॉन्ग साईड से आने के कारण मौके पर ही उनका चालान भी किया जाएगा.


रॉन्ग साईड से आने पर होगा टायर पंक्चर 


दरअसल, स्पाईक बैरियर में लोहे की फ्रेम में ठोस स्टील की बड़ी कीलें लगाई जाती हैं. जो सही दिशा से आने वाली गाड़ी के टायर के नीचे दब जाती है और गाड़ी बिना किसी नुकसान के उसके ऊपर से गुजर जाती है. लेकिन, जब गाड़ी गलत दिशा से आकर इस पर चढ़ती है तो कील नीचे दबने के बजाय टायर में घुस कर उसे पंक्चर कर देती है. जिससे गाड़ी तुरंत वहीं पर रुक जाती है. ज्यादातर स्पाइक बैरियर दो टोल प्लाजा के बीच उन जगहो पर लगाए जाएंगे, जहां सड़क पर कट प्वाइंट हो. दो टोल के बीच दो स्पाइक वैरियर लगाए जाएंगे. जहां गाड़ी के पंक्चर होते ही मौके पर चालान भी काटा जाएगा.


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