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Gurugram News: गुरुग्राम में 15 अगस्त के दिन घूमने निकले तीन दोस्तों की ट्रेन से कटकर मौत, पटरी पर बैठ कर कर रहे थे बातें
Gurugram Train Accident: तीनों मतृक मुस्लिम थे और यूपी के बिजनौर के रहने वाले थे. गुरुग्राम में तीनों 2020 से बढ़ई का काम करते थे. अपने परिवार में तीनों कमाने वाले इकलौते थे.
![Gurugram News: गुरुग्राम में 15 अगस्त के दिन घूमने निकले तीन दोस्तों की ट्रेन से कटकर मौत, पटरी पर बैठ कर कर रहे थे बातें Three friends died after being hit by a train in Gurugram on August 15 Gurugram News: गुरुग्राम में 15 अगस्त के दिन घूमने निकले तीन दोस्तों की ट्रेन से कटकर मौत, पटरी पर बैठ कर कर रहे थे बातें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/17/b79dbac289f2e228bd8a2ff9965272291660710648162371_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Gurugram News: गुरुग्राम के गढ़ी हरसरू में सोमवार शाम तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से रेलवे ट्रैक पर बैठ तीन लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान सऊद अहमद (19), मोहम्मद फैजान (19) और आदिल (20) के रूप में हुई है. मूल रूप से यूपी के बिजनौर के रहने वाले तीनों 2020 में गुरुग्राम आए थे और बढ़ई का काम कर रहे थे. 15 अगस्त होने की वजह से सोमवार को काम बंद था इसलिए तीनों अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए निकले थे. इनमें से दो लोग तो लौट आए लेकिन बाकी तीन लोग रेलवे ट्रैक पर ही बातचीत करने के लिए बैठ गए. इतनी देर में ही एक ट्रेन उसी पटरी पर आ गई और तीनों उसकी चपेट में आ गए.
तेज रफ्तार ट्रेन ने नहीं दिया भागने का मौका
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीनों ने आने वाली ट्रेन को देखकर भागने का प्रयास किया, लेकिन वे भागने में असफल रहे. मूल रूप से बिजनौर के मिर्जापुर केशो गांव का रहने वाला आदिल बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था. आदिल के पिता फरीद अहमद एक गाड़ी चलाते हैं और कभी-कभार ही काम पर जाते हैं, वहीं उसकी मां शारीरिक रूप से अक्षम है.
अपने-अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे तीनों
आदिल के गांव के सरपंच मोहम्मद दानिश ने कहा कि आदिल के घर तक जाने के लिए एक सड़क तक नहीं है, उसके घर के आर्थिक हालात बहुत खराब है. उसका मकान इतना जर्जर हो चुका है कि वह कभी भी गिर सकता है. उन्होंने कहा कि आदिल अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाला था. वहीं मृतक फैजान के तीन भाई और एक 18 साल की बहन भी है. उसके पिता मोहम्मद दिलशाद ने कहा कि उनका बेटा कहा करता था कि वह एक दिन सारी गरीबी को दूर कर देगा. उन्होंने कहा कि वह बढ़ईगीरी का ठेकेदार बनना चाहता था. मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरा बेटा चला गया है. वहीं, तीसरा मृतक अहमद चार साल पहले ही अपने पिता को हार्ट अटैक की वजह से खो चुका था.
शव लेने मुर्दाघर में आए उसके एक रिश्तेदार ने बताया कि अहमद पांच बहनें हैं जिनमें से एक की शादी हो चुकी है. अपने घर में वह अकेला ही कमाने वाला था. वह प्रतिमाह अपने घर 15,000 रुपए भेजता था. वहीं जीआरपी पुलिस स्टेशन में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 174 के तहत मामला दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू की गई है.
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