Delhi: दिल्ली में न्यू क्रिमिनल लॉ लागू होने का पहले दिन दिखा असर, लोगों के हित में पुलिस ने उठाए ये कदम
New Criminal Law Delhi: दिल्ली में केंद्र सरकार सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं. इसका असर भी आज से राष्ट्रीय राजधानी में दिखने लगा है. जानें- दिल्ली पुलिस ने क्या किया?
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New Criminal Laws Latest News: दिल्ली सहित देश के सभी इलाके में सोमवार (एक जुलाई 2024) से तीनों नये आपराधिक कानून (New Criminal Laws) लागू हो गए हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इसका पहले दिन असर देखने को मिला. दिल्ली के लुटियन जोन स्थित तुगलक रोड पुलिस स्टेशन ने लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर अभियान चलाया है. दिल्ली पुलिस के सभी थाना प्रभारियों को लोगों को इसके प्रति जागरूक करने को कहा गया है.
तुगलक रोड थाना पुलिस ने पुलिस ने लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए पोस्टर लगवाए हैं. पोस्टर के जरिए पुलिस ने लोगों से नए कानूनों पर अमल की अपील की है. साथ ही बाल अधिकार और महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण से बारे में पोस्टर के जरिए जानकारी दी है.
#WATCH | Delhi: Posters about the new criminal laws put up outside Tughlak Road PS to create awareness among the people. (30/06)
— ANI (@ANI) June 30, 2024
New criminal laws will come into force across India from 1st July pic.twitter.com/7e3sfNcRNu
25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने दी थी इसे मंजूरी
केंद्र सरकार ने बीते साल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बनाए थे. लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे अपनी मंजूरी दे दी थी. एक जुलाई 2024 से तीनों नए आपराधिक कानून लागू हो गया है.
तीनों नए कानून क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे. बता दें कि तीनों कानून लागू होने के बाद भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली औपनिवेशिक विरासत से पूरी तरह से मुक्त हो गया. अंग्रेजी कानून थोपने वाले लॉर्ड मैकाले अब इतिहास का हिस्सा बनकर रह गए हैं.
नए कानून में महिलाओं के लिए नया चैप्टर
नए आपराधिक कानूनों के तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है. अब किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध माना जाएगा. किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है. शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीट कर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते रहे हैं. आईपीसी में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे. भारतीय न्याय संहिता में इन से निपटने के लिए प्रावधान किए गए हैं.
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