Delhi: राजधानी दिल्ली में कार चलाने वाले जरूर पढ़ें यह खबर, सिर्फ इस वजह से पिछले महीने हुए तीन हजार चालान
Delhi News: लाइन तोड़ने वालों और दूसरे वाहनों की लाइन अवरुद्ध करने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. अब तक 3,378 वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है.
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Delhi News: यदि आप दिल्ली में रहते हैं तो यह खबर आपके बेहद काम की हो सकती है. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा लेन अनुशासन लागू करने के एक महीने बाद 3 हजार से अधिक वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है. विभाग अब रिंग रोड और आउटर रिंग रोड सहित चुनिंदा हिस्सों पर अभियान को तेज करने की योजना बना रहा है. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए संयुक्त आयुक्त (परिवहन) नवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल से प्रवर्तन अभियान शुरू होने के बाद से 3,378 वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है. इसमें दिल्ली परिवहन निगम और क्लस्टर योजना की 401 बसें भी शामिल हैं, जिन्हें तय बस लेन में ड्राइविंग नहीं करने के लिए दंडित किया गया था.
अब आउटर रिंग रोड की बारी
उन्होंने बताया कि फिलहाल बदरपुर सीमा से लेकर आश्रम चौक और पूरे रिंग रोड जैसे हिस्सों में इस अभियान को चलाया जा रहा है, इस अभियान का विस्तार आउटर रिंग रोड के अधिकांश हिस्सों में भी किया जाएगा. हमने रिंग रोड को 10 खंडों में विभाजित किया है, जिनमें से प्रत्येक पर एक अलग टीम जांच करेगी. कुमार ने कहा कि अभियान के अगले चरण को शुरू करने से पहले विभाग विभिन्न हिस्सों में सड़कों के डिजाइनिंग का काम करेगा. परिवहन विभाग ने लाइन तोड़ने वाले वाहनों की निगरानी के लिए विभिन्न स्थानों पर 138 टीमों को तैनात किया है. ये टीएम अवैध पार्किंग पर भी ध्यान देंगी.
किस वाहन से कितना वसूला जाएगा जुर्माना
लेन अनुशासन का उल्लंघन करने पर बस चालकों के लिए 10 हजार रुपए जबकि अन्य वाहनों पर बस लेन पर पार्किंग के लिए 500 रुपए से 2 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सार्वजनिक परिवाहन की बसें अपनी लेन में ही चलें, लेकिन प्रारंभिक अनुभव से पता चला कि अन्य वाहनों ने बस लेन को अवरुद्ध कर दिया जिससे बस चालकों के लिए न केवल लेन में ड्राइव करना बल्कि निर्दिष्ट बस बे और बस स्टॉप पर यात्रियों को पिकअप या ड्रॉप करना भी मुश्किल हो गया. निजी बसों और हल्के माल वाहनों के खिलाफ अभियान का दूसरा चरण 16 अप्रैल से शुरू होना था, लेकिन लर्निंग फेज को फिलहाल जारी रखने का फैसला किया गया है.
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