Fight Against Pollution: - दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन जब्त होंगे, सरकारी वाहनों की भी खैर नहीं
Delhi News: पीयूसीसी के बिना मिले वाहन और मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर सख्त कार्रवाई होगी. 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़क पर चलते मिले तो उन्हें जब्त कर स्क्रैप किया जाएगा.
दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (Graded Response Action Plan-GRAP) को लागू कर दिया गया है. परिवहन विभाग आज दक्षिण दिल्ली और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ मेगा अभियान चलाएगा. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए परिवहन विभाग 85 क्रेनों के साथ सड़क पर उतरेगा. इस दौरान प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. विभाग पुराने वाहनों को स्क्रैप भी कर सकता है.
क्या क्या करेगा परिवहन विभाग
इस दौरान नियंत्रित प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) के बगैर चलने वाले वाहनों और मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान अगर 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़क पर चलते मिले तो उन्हें जब्त कर स्क्रैप किया जाएगा. वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रवर्तन टीमें दिल्ली के सभी इलाकों में कार्रवाई कर रही हैं. परिवहन विभाग के इस मेगा अभियान के तहत सभी टीमें सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक सड़क, पेट्रोल पंप, सड़कों पर तैनात रहेंगी. ये टीमें लगातार गश्त करेंगी और इस दौरान नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई करेंगी. इस दौरान ये टीमें सरकारी स्टीकर लगे वाहनों की भी जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगी.
दिल्ली सरकार ने खोला ग्रीन वार रूम
वहीं दिल्ली सरकार के एडवांस ग्रीन वार रूम ने भी काम करना शुरू कर दिया है.इस वजह से प्रदूषकों के स्रोत का रीयल टाइम आंकड़ा उपलब्ध हो सकेगा. इसमें पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और खुले में कचरा जलाने से संबंधित आंकड़ों का भी विश्लेषण हो सकेगा. इससे सही समय पर प्रदूषण को रोकने की कार्ययोजना को लागू किया जा सकता है.दिल्ली सरकार के इस ग्रीन रूम में 12 सदस्यों की विशेषज्ञ टीम तैनात की गई है. यह टीम प्राथमिक प्रदूषकों के स्तर, प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों और ग्रीन दिल्ली ऐप के जरिए मिलने वाली शिकायतों की स्थिति की निगरानी करेगी.
इस बीच दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि दिल्ली के प्रदूषण में दिल्ली के स्रोतों का योगदान केवल 31 फीसदी है. दिल्ली के प्रदूषण में एनसीआर के शहरों का योगदान सर्वाधिक है.
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