Delhi: दिल्ली में स्थापित किए जाएंगे 12 ‘स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग’, जानें इनमें क्या होगा खास?
Delhi News: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बताया कि इन स्कूलों में केवल पाठ्यक्रम पर नहीं छात्रों की रोजमर्रा की जिंदगी तथा दुनियाभर के लिए जरूरी व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
Delhi: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’ के बाद अब आने वाले वर्षों में 12 ‘स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग’ (एसओएएल) स्थापित किए जाएंगे, जहां रटने वाली पढ़ाई के बजाय व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि शहर में आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली सरकार के बजट में शिक्षा क्षेत्र को सबसे अधिक राशि आवंटित की गई. दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा हाल ही में पेश किए दिल्ली के बजट में वर्ष 2023-24 के लिए शिक्षा विभाग के लिए 16,575 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है.
'दिल्ली में शिक्षा का बजट सबसे अधिक'
आतिशी ने एक मीडिया चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से हर बजट में शिक्षा को सबसे अधिक राशि आवंटित की गई है. पहले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचों को दुरुस्त करने, स्कूलों में साफ-सफाई, शिक्षकों के उचित प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया, लेकिन अब ध्यान इस बात पर दिया जा रहा है कि कक्षाओं में किस तरह से पढ़ाया जाना चाहिए.’’
'दिल्ली में पहले से ही 'स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस' का मॉडल'
उन्होंने कहा कि सरकार के पास पहले से ही ‘स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’ का मॉडल है जहां नौंवी कक्षा से छात्र यह चुन सकते हैं कि वह किसमें विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं. पहले से ही विशेषज्ञता की एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित), परफॉर्मिंग आर्ट्स, मानविकी, 21वीं सदी के उच्च कौशल इसमें शामिल हैं.
'अगले साल लागू करेंगे एसओएएल'
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले वर्ष में स्कूल के नए प्रारूप ‘स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग’ (एसओएएल) का प्रावधान है. इसमें नर्सरी से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई कराई जाएगी. इसमें केवल पाठ्यक्रम पर नहीं बल्कि छात्रों की रोजमर्रा की जिंदगी तथा दुनियाभर के लिए जरूरी व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.’’
प्रणाली के बारे में विस्तार से बताते हुए मंत्री ने कहा कि शिक्षा को तीन भागों में विभाजित किया जाएगा - प्राथमिक वर्ष कार्यक्रम, मध्य वर्ष कार्यक्रम और तृतीय वर्ष का कार्यक्रम विभिन्न कौशल पर केंद्रित होगा जिसका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में छात्रों की भागीदारी के लिए किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इन सभी 12 स्कूलों की स्थापना आगामी वर्ष में की जाएगी. आतिशी ने कहा कि दिल्ली में ‘स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’ और ‘स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग’ (एसओएएल) दो प्रकार के स्कूल होंगे.
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