Delhi News: दिल्ली के पालम में स्थित वायुसेना के अड्डे पर 28 मोरों की मौत हो गई है. जिसको लेकर वन विभाग ने कहा है कि शेष पक्षियों की सुरक्षा के लिए खाद्य सामग्री और दवाओं का प्रावधान किया जाएगा. वन विभाग ने कहा है कि उसने राष्ट्रीय पक्षी की साप्ताहिक निगरानी और लगातार जांच करने को कहा है. वन विभाग के अनुसार पालम स्थित वायुसेना के अड्डे पर 28 मोर की मौत हो चुकी है.
शुरुआत में यह संख्या 27 थी, लेकिन 25 जून को एक और राष्ट्रीय पक्षी की मौत की सूचना के साथ, चार जून से अब तक कुल संख्या बढ़कर 28 हो गई है. वन विभाग के एक अधिकारी ने फोन पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि मोरों की मौत की सूचना मिलने के बाद पहले ही उपाय किए जा चुके हैं.
पानी की कमी से भी हो सकती है मोरों की मौत
वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा दिल्ली के चिड़ियाघर ने मोरों के लिए खाद्य सामग्री और दवाइयां उपलब्ध कराई हैं, जो वायुसेना को दी गई हैं. अधिकारियों ने यह भी बताया कि मोरों को भोजन और दवा के साथ-साथ अतिरिक्त मात्रा में पानी भी देने का सुझाव दिया गया है, क्योंकि गर्मी के कारण पक्षियों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है.
वन विभाग ने बताया कि वायुसेना क्षेत्र सहित विशाल क्षेत्र होने के कारण सेंसर लगाना अव्यावहारिक है, जिससे मोरों की संख्या का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है.
‘सप्ताह में 2 या 3 बार जांच करते रहेंगे’
वन विभाग ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि इस बाध्यता के बावजूद, मोर की बेहतर तादाद अब भी आगंतुकों को इन राजसी पक्षियों को आसानी से देखने के पर्याप्त अवसर प्रदान करती है. वन विभाग के अधिकारी ने कहा हम स्थिति पर बारीकी से नजर रखते रहेंगे और वायु सेना की सहायता से बरसात का मौसम लौटने तक सप्ताह में दो या तीन बार जांच करते रहेंगे.
वन विभाग ने मोरों की मौत के पीछे किसी भी अंतर्निहित विषाणुजनित कारण का पता लगाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को वायरोलॉजी परीक्षण के लिए नमूने भेजे हैं.
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