दिल्ली में रेल ट्रैक पर मिला दुधमुंहा बच्चा, पुलिस ने परिवार से मिलाया तो माता-पिता के आंखों से छलके आंसू
डीसीपी रेल केपीएस मल्होत्रा के अनुसार नवजात 9 अप्रैल को रेलवे ट्रैक पर लावारिश मिला. पुसिल ने देखभाल करने वाले व्यक्ति द्वारा 12 साल से कम उम्र के बच्चे को छोड़ने की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
Delhi News: दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर पुलिस को दो महीने का बच्चा लावारिस मिला. पुलिस को काफी खाक छानने के बाद उसके माता पिता का पता चला. शकूर बस्ती पुलिस ने इस मामले में कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद बच्चे उसके माता-पिता को सौंप दिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दंपत्ति ने अपने बच्चे को उस समय खो दिया, जब वे ग्वालियर से दिल्ली होते हुए आगरा स्थित अपने घर जा रहे थे. उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया अपनाने के बाद शिशु को उसके परिवार से दोबारा मिलवाया गया.
इन धाराओं में केस दर्ज
डीसीपी रेलवे केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि नवजात 9 अप्रैल को रेलवे ट्रैक पर लावारिश मिला था. धारा 317 (माता-पिता या देखभाल करने वाले व्यक्ति द्वारा 12 साल से कम उम्र के बच्चे को छोड़ने के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई. उस क्षेत्र में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जहां पर बच्चा अपने माता-पिता से बिछड़ गया था.
फॉरेंसिक टीम ने किया था घटनास्थल का निरीक्षण
पुलिस ने शिशु के बारे में सुराग हासिल करने के लिए अपराध और फॉरेंसिक टीमों द्वारा भी घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था. मामले की जांच कर रही टीम ने सोशल मीडिया के माध्यम से देश भर के सभी डीसीपी, एसएसपी और दिल्ली के सभी एसएचओ के साथ शिशु की तस्वीरें और अन्य विवरण सभी से साझा किया. यह जानकारी जिप नेट नेट पर भी अपलोड की गई थी.
जांच के दौरान विभिन्न बाल केंद्रों की भी जांच की गई. ताकि यह पुष्टि की जा सके कि शिशु के संबंध में किसी व्यक्ति द्वारा कोई पूछताछ की गई है या नहीं. प्रतिदिन फॉलोअप लिया गया. डीसीपी ने कहा, "हमारी टीम से आगरा के अनिल कुमार राजावत ने संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि उन्होंने एक वाट्सअप ग्रुप पर शिशु की तस्वीरें और विवरण प्रसारित होते देखा है. राजावत ने पुलिस को बताया कि वह नवजात का पिता है."
पुलिस की मदद से अभिभावक को मिला बच्चा
पुलिस अधिकारी के मुताबिक 13 अप्रैल को वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली आए और उनसे मुलाकात के बाद पुष्टि की कि नवजात उनका बेटा है. उस व्यक्ति ने कहा कि जब वे ग्वालियर से आगरा जा रहे थे तो बच्चा यहां एक रेलवे स्टेशन पर भीड़ में खो गया. उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के बाद शिशु को माता-पिता को सौंप दिया गया. दो माह के बच्चे को पाने के बाद माता-पिता के खुशी के ठिकाने नहीं रहे, और उनके आंखों से आंसू छलक पड़े.
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