Delhi News: दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में इलाज कराने के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट कराने के नाम पर मुंबई के एक डॉक्टर को 10 लाख रुपये का चूना लगाया. दिल्ली पुलिस ने बताया कि दोनों धोखेबाज किडनी रैकेट का हिस्सा हैं. पुलिस के मुताबिक उन्होेंने मुंबई के एक डॉक्टर राजीव चंद्रा को धोखा दिया. डॉक्टर दोनों किडनी की जन्मजात बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. डॉक्टर चंद्रा को एक नेफ्रोलॉजिस्ट ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी. डॉक्टर अखबार में छपे विज्ञापनों से करण नामी शख्स के संपर्क में आए.


किडनी प्रत्यारोपण के लिए डॉक्टर को 27 अगस्त को दिल्ली में मिलने के लिए बुलाया गया. करण ने डॉक्टर से मुलाकात की और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 6 लाख रुपये एडवांस में मांगे. हालांकि डॉक्टर ने 3.5 लाख रुपये दिए. प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डॉक्टर ने सितंबर में अग्रिम भुगतान के तौर पर एक लाख की और अदायगी की.


दिल्ली पुलिस के मुताबिक, करण ने डॉक्टर को बताया कि 19 सितंबर को दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में सर्जरी तय की गई है. सर्जरी से एक दिन पहले करण ने डॉ. राजीव को फोन किया और प्रक्रिया शुरू करने के लिए फीस देने के नाम पर 5 लाख रुपये की और मांग की. डॉ. राजीव ने दिल्ली के एक अस्पताल के बाहर 5 लाख रुपये दिए.


अपराधी करण ने डॉक्टर और उसकी पत्नी को पैसे लेकर अस्पताल के अंदर जाने की सलाह दी, लेकिन बदमाश खुद उनके साथ नहीं गया. जब डॉ. राजीव को अस्पताल में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली, तब उन्होंने करण को फोन करना शुरू कर दिया, लेकिन उसका फोन लगातार बंद रहा. इसके बाद राजीव चंद्रा ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई.


पूछताछ के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया. एसीपी डॉक्टर विकास श्योकंद की देखरेख में दिल्ली पुलिस की एक टीम गठित की गई. जांच के दौरान पुलिस टीम को पता चला कि करण का असली नाम विपिन है और यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला है. क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर विपिन को 19 अक्टूबर को कानपुर से पकड़ लिया.


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