Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्र में एनडीए की सरकार बन गई है. सभी मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा भी हो गया है लेकिन लोकसभा चुनाव में हार और जीत को लेकर अभी सियासी गलियारों में बहस जारी है. इस बीच दिल्ली में कांग्रेस नेता उदित राज अपनी हार को लेकर ईवीएम को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उन्होंने ईवीएम को ही हटाने की मांग की है.
दरअसल, उदित राज की प्रतिक्रिया X (पहले ट्विटर) के मालिक एलन मस्क के ईवीएम पर की गई टिप्पणी पर आई है. एलन मस्क ने कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ख़त्म कर देना चाहिए. इसमें इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है."
इसके बाद उदित राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''उत्तर पश्चिम लोक सभा से मैं चुनाव लड़ा और कही से नहीं लग रहा था हार होगी. मैं दिसम्बर से EVM के ख़िलाफ़ लड़ रहा हूं. ऐलन मस्क ने भी अब कह दिया कि EVM में घपला है." अपने एक और बयान में उन्होंने कहा कि एलन मस्क के सामने भारत के सभी टेक्नोक्रेट्स बच्चे हैं. EVM को हटाया जाना चाहिए.
उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से उदित राज को मिली हार
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उदित राज को बीजेपी के योगेंद्र चंदौलिया से बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि कांग्रेस ने दिल्ली के उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से इस बार उदित राज को चुनावी मैदान में उतारा था. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने योगेंद्र चंदोलिया को प्रत्याशी बनाया था. इस सीट पर चंदोलिया को कुल 8 लाख 66 हजार 483 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस के उदित राज को 5 लाख 75 हजार 634 वोट मिले थे. दिल्ली में छठे फेज में 25 मई को वोटिंग हुई थी.
उदित राज ने RSS-बीजेपी पर दिया बयान
कांग्रेस नेता उदित राज ने 14 जून को आरएसएस और बीजेपी के बीच रिश्तों को लेकर पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि दोनों के बीच अब पहले जैसी बात नहीं रही. RSS और बीजेपी के बीच रिश्ते बिगड़ गए हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ने आरएसएस को साइड कर दिया है. इससे पहले उदित राज ने पीएम मोदी को लेकर भी टिप्पणी की थी.
कांग्रेस नेता ने कहा था कि नैतिकता के आधार पर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए. उन्होंने सुझाव देते हुए ये भी कहा था कि अगर बीजेपी से ही किसी को पीएम बनाना है तो शिवराज सिंह चौहान 8 लाख से अधिक वोटों से जीतकर आए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम अमित शाह को बनाना चाहिए क्योंकि उन्होंने 7 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की है. नरेंद्र मोदी तो चुनाव हारते-हारते बच गए.
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