SC/ST Reservation: एससी-एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले उदित राज?
Quota within Quota: कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस एससी-एसटी आरक्षण मसले पर फैसला दिया, उस पर केंद्र कुछ नहीं कर रही है. कौन-कितना बैकवार्ड है, यह जनगणना से पता चलेगा.
Udit Raj on Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में गुरुवार को कहा है कि एससी-एसटी आरक्षण के अंदर जाति आधारित कोटा संभव है. शीर्ष अदालत के इस फैसले पर कांग्रेस नेता उदित राज ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने आरक्षण को अनुपयोगी बना दिया है".
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा है कि अभी, मैंने सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट पढ़ा नहीं हैं, लेकिन यह बहुत कम्प्लीकेटड मैटर है. जब तक जजमेंट को न पढ़ लूं, तब तक कुछ कह नहीं सकता.
एबीपी लाइव की ओर से यहू पूछे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि एससी-एसटी आक्षरण के अंदर जातियों को अलग-अलग हिसा दिया जा सकता है. इस पर उदित राज कहा कि मोदी सरकार लोगों में बांटने में लगी रहती है. अहम सवाल यह है कि आने वाले दिनों में आरक्षण रहेगा ही नहीं.
मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में भर्तियां आउटसोर्सिंग और कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत हो रही हैं. दस साल में मुश्किल से छह से आठ लाख युवाओं को नौकरियां मिली हैं.
जहां तक बैकवार्डनेस के आधार पर आरक्षण के अंदर आरक्षण देने की बात है तो हमारे नेता राहुल गांधी ने तो कहा ही था कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. जनगनना होने पर ही आर्थिक और सामाजिक आधार निकलकर सामने आएंगे.
जातिगत जनगणना इसलिए जरूरी
केंद्र सरकार इस मसले पर कुछ नहीं कर रही है. कौन-कितना बैकवार्ड है, यह तो जनगणना से पता चलेगा. मोदी सरकार आरक्षण खत्म करने का काम कर रही है. जबकि आरक्षण के अंदर जाति आधारित कोटा तय करने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है.
SC के फैसले में क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एससी-एसटी आरक्षण के अंदर जातियों को अलग-अलग हिसा दिया जा सकता है. आरक्षण में वर्गीकरण हो सकता है. कुछ जातियां ज्यादा कमजोर स्थिति में हैं. राज्य अगर किसी जाति को आरक्षण में विशेष हिस्सा देना चाहते हैं, तो पहले उन्हें आंकड़े जुटाने होंगे.
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