Unemployment Rate: दिल्ली में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा, 83% महिला नियमित वेतनभोगी: रिपोर्ट
Unemployment Rate Delhi: दिल्ली महिला और पुरुष-2023 रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि महिला श्रमिकों में केवल 17 प्रतिशत अपना काम कर रही थीं. 83 प्रतिशत नियमित वेतनभोगी कर्मचारी श्रेणी में आती हैं.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली को देश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार (Unemployment Rate Delhi) के लिहाज से सबसे पसंदीदा शहर माना जाता है, लेकिन यह जानकर आपको ताज्जुब होगा कि दिल्ली में महिलाओं में बेरोजगारी दर देश के औसत की तुलना में लगभग दोगुनी है. दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. पुरुषों में भी बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है.
महिलाओं के बेरोजगारी दर ज्यादा
दिल्ली सरकार महिला एवं पुरुष-2023 रिपोर्ट (Delhi Government Women and Men-2023 Report) के अनुसार 2021-22 में दिल्ली में पुरुषों की बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत और महिलाओं की बेरोजगारी दर छह प्रतिशत थी. दूसरी ओर अखिल भारतीय स्तर पर यह पुरुषों के लिए 4.4 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 3.3 प्रतिशत थी. व्यापक रोजगार की स्थिति से पता चला कि शहर में 33.1 प्रतिशत कामकाजी पुरुष अपना काम कर रहे थे, 63 प्रतिशत नियमित वेतनभोगी कर्मचारी थे, और 3.5 प्रतिशत आकस्मिक श्रमिक श्रेणी में थे. महिला एवं पुरुष-2023 रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि महिला श्रमिकों में केवल 17 प्रतिशत अपना काम कर रही थीं. दूसरी ओर 83 प्रतिशत नियमित वेतनभोगी कर्मचारी श्रेणी में थीं.
हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा
बता दें कि एनएसएसओ के जुलाई-सितंबर 2023 तिमाही के लिए श्रमबल सर्वेक्षण (PLFS) के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 15 से 29 वर्ष के उम्र में हिमाचल प्रदेश शहरी इलाकों में 33.9 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ नंबर वन पर रहा. 30.2 प्रतिशत बेरोजगारी के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा. वहीं 15 से 29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर बीती तिमाही में हिमाचल प्रदेश में 49.2 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक रही जबकि पुरुषों की बेरोजगारी दर 25.3 प्रतिशत थी. राजस्थान के मामले में इस तिमाही में शहरों में महिलाओं में बेरोजगारी दर 39.4 प्रतिशत थी, जबकि पुरुषों में यह 27.2 प्रतिशत थी. जुलाई-सितंबर तिमाही 2023 में देश के शहरों में 15-29 आयु वर्ग में कुल बेरोजगारी 22.9 प्रतिशत थी, जबकि महिलाओं में यह 15.5 प्रतिशत थी.