Delhi News: पिछले कुछ दिनों से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर देशभर में चर्चा चरम पर है. इसकी शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की भोपाल की एक जनसभा से हुई थी. अब एक सवाल के जवाब में यूसीसी (UCC) को लेकर आप के नेता रहे और देश के युवा कवि कुमार विश्वास (Kumar vishwas) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी चर्चा छेड़कर एक अच्छी शुरुआत की है. फिलहाल, इसका मसौदा ही सामने नहीं आया है.
कुमार विश्वास ने कहा कि समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का अभी तक कोई अंतिम मसौदा सामने नहीं आया है. न ही इस पर कोई चर्चा हुई है. यूसीसी पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अन्ना आंदोलन के दौरान हम लोगों ने कांग्रेस से भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जांच के लिए लोकपाल की मांग की थी. बस इतनी सी बात थी. उस समय के लोकपाल की मांग को आईआईटी के प्रिलिम्स के पेपर से तुलना करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार रुकेगी. बस, कांग्रेस इसे समझ नहीं पाई. कांग्रेस यहीं भूल कर गई.
आंख मूंदकर समर्थन या विरोध गलत
दूसरी तरफ कांग्रेस का लोकपाल पर न में जवाब आते ही जनता ने कह दिया कि लोकपाल चाहिए. कांग्रेस के इस रुख से जनता को कंफर्म हो गया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच नहीं चाहती. कांग्रेस न करते ही गली गली में आग लग गई. लोकपाल कानून का समर्थन होने लगा. कुछ लोग आंख मूंदकर समर्थन करने लगे तो तो कुछ ने अंधभक्तों की तरह लोकपाल का विरोध किया. मेरी राय में उस समय दोनों गलत थे.
'देश की प्रगति में सहायक होगा या नहीं'
ठीक उसी तरह, पीएम मोदी के बयान से यूसीसी पर चर्चा शुरू ही है. यूसीसी को अभी कानून निर्माण की प्रकिया से गुजरना होगा. इस पर बहस होगी. लोकसभा और विधानसभा में जनप्रतिनिधि अपनी—अपनी राय रखेंगे. निर्वाचित प्रतिनिधि लोकसभा में इस पर विचार करेंगे. यूसीसी पर ये भी चर्चा हो कि इससे हिंदुओं का लाभ होगा या नुकसान. ठीक उसी तरह इस पर भी विचार करने की जरूरत है कि इससे देश को क्या फायदा मिलेगा? राष्ट्रीय प्रगति में यह सहायक होगा या नहीं.
'मेरा तो मानना ये है कि...'
फिलहाल, पीएम मोदी ने अपने बयान से यूसीसी का बीजारोपण कर दिया है. मेरा मानना है कि मूल रूप से यह कानून एक जैसा होना चाहिए. जैसा कि लाइसेंस और बैंक खाता का कानून है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि मैं केरल में बैंक खाता खुलवाने की कोशिश करूं तो वहां का कानून यह कह दे कि क्या आपके पास यहां पर जमीन है. यहां पर किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि कानून समाप्ति की घोषणा क्यों करनी पड़ी, क्योंकि उस पर विचार नहीं हुआ था. यूसीसी पर विचार की बात पीएम ने उठाया है तो यह एक स्वागत योग्य कदम है. अधिकांश कानून एक जैसा होना चाहिए. जाति, वर्ग, लिंग या धर्म के आधार पर अलग—अलग नहीं होना चाहिए. हां, पर्सनल लॉ का पर भी विचार करने की जरूरत है. साथ ही जिस समतामूलक समाज की बात राहुल गांधी करते हैं उस पर भी गौर फरमाने की जरूरत है कि वैसा हो सकता है या नहीं.
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