Union Budget 2023: बजट पर किसानों ने जताई नाराजगी, कहा- 'केंद्र सरकार ऐसा करती तो अच्छा होता'
Farmers Comment: किसानों ने बताया कि मोदी सरकार का यह बजट भी पिछले बजट की ही तरह से रहा, जिसमें किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. सरकार को इस पर गंभीरता से काम करना चाहिए था. लेकिन, ऐसा नहीं किया जा सका.
Agriculture Budget 2023: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को अपना 10वां बजट पेश किया. इस बजट के लिए मंत्रीमंडल के सभी सदस्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की प्रशंसा की. केंद्र सरकार के मंत्री बजट की सराहना करते थक नहीं रहे हैं. वहीं ज्यादातर किसानों ने इस बजट को अपने लिए छलावा बताया है.
क्या हैं किसानों के लिए घोषणाएं
इस बजट में मोदी सरकार ने सभी वर्गो का ध्यान रखा है. किसानों के लिए इस बजट में कहा गया कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी. युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की भी बात कही है.
क्या कहते हैं किसान
किसान केंद्र सरकार के इस बजट से खुश नहीं दिख रहे हैं. किसानों का कहना है कि मोदी सरकार का ये बजट भी किसानों के हक में नहीं है. उनका कहना है कि सरकार को चाहिए था कि खाद, बीज और खेती से जुड़ी अन्य वस्तुए सस्ती करनी चाहिए थी. ऐसा तो कुछ इस बजट में नहीं दिखा.
ऋण की जरूरत ही नहीं होती
उन्होंने कहा कि डेयरी, पशुपालन व मस्तस्य पालन के लिए ऋण बढ़ाया है. लेकिन, आजकल डेयरी के काम में काफी नुकसान हो रहा है. मतस्य पालन के क्षेत्र में भी नुकसान ही हो रहा है. कुल मिलाकर किसान पिस रहे हैं. लेकिन, उन्हें देखने वाला कोई नहीं. सरकार को चाहिए था कि ऐसा बजट लाए, जिससे किसानों को ऋण लेना ही न पड़े. किसानों ने बताया कि कुल मिलाकर मोदी सरकार का यह बजट भी पिछले सभी बजट की ही तरह से रहा, जिसमें किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. सरकार को इस विषय पर गंभीरता से काम करना चाहिए था. लेकिन, ऐसा नहीं किया जा सका.
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