JNU Students Reaction On Union Budget 2023: साल 2023-24 के लिए मंगलवार को पेश हुए बजट पर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. जेएनयू के छात्रों ने इसे देश के विकास में मजबूती प्रदान करने वाला बजट बताया है. छात्रों ने कृषि, शिक्षा, मध्यम वर्गीय परिवार, रेलवे, डेरी, मत्स्य और अन्य वर्गों के लिए आवंटित फंड को सराहते हुए कहा कि पहली बार केंद्र सरकार की ओर से कोई भी चुनावी एजेंडे और लोक-लुभावने वादों के आधार पर बजट तैयार नहीं किया गया है. यह बजट अपनी पुरानी योजनाओं को और व्यापक तरीके से सफल बनाने का एक बेहतर प्रयास है.


जेएनयू में पढ़ रहे असम के मनीष बर्मन ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा, "इसमें कोई भी दो राय नहीं कि दुनिया के बड़े से बड़े विकसित देश इस समय आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं. वहीं भारत इतना बड़ा देश होते हुए भी आर्थिक स्थिति को सामान्य से ऊपर बनाए रखने में पूरी तरह कामयाब है. मंगलवार को पेश हुए आम बजट पूरी तरह से देश के विकास को गति देने वाला होगा."


'योजनाओं को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश'


मनीष बर्मन ने आगे कहा, "यह पहला ऐसा बजट है, जिसमें किसी भी प्रकार की चुनावी मंशा और लोक-लुभावने वादों का प्रभाव न होकर पुरानी नीति और योजनाओं को और बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. अलग-अलग क्षेत्रों में जारी किया गया फंड यह बताता है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और देश के बुनियादी आधार को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रयत्नशील है."


जेएनयू के छात्र मनीष बर्मन ने कहा, "भारतीय रेलवे देश का सबसे मजबूत क्षेत्र माना जाता है और ऐसा पहली बार हुआ है जब पिछले सालों की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक बजट उसके लिए आवंटित किया गया है. यूरोपीय देशों की भी आर्थिक स्थिति को हमने बहुत करीब से देखा है, लेकिन हिंदुस्तान एक बड़ी आबादी के साथ 2 साल कोरोना महामारी झेलने के बाद भी अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर और विकास दर को आगे बढ़ाने में कामयाब हो पाया है, इसलिए मंगलवार को पेश हुए केंद्रीय बजट से बहुत हद तक संतुष्ट हूं."


यह मिडिल क्लास फैमिली वाला बजट: जेएनयू छात्र


बजट को मिडिल क्लास फैमिली वाला बताते हुए जेएनयू छात्र शेषमणि ने कहा, "आय कर सीमा को 5 से 7 लाख रुपये तक बढ़ाने का केंद्र सरकार का फैसला विभागीय कर्मचारियों के साथ-साथ मध्यम वर्गीय लोगों के लिए भी काफी मददगार होगा. इस बजट में केंद्र सरकार ने अगले कुछ सालों की अपनी नीति को रखा है, जिसमें उन्होंने अपनी पुरानी योजनाओं को भी और बल देने का प्रयास किया है. निश्चित ही दुनिया के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत अपनी आर्थिक स्थिति को बिगड़ने से रोकने में पूरी तरह सक्षम रहा है और यह सामान्य बात नही है. मंगलवार को आए बजट को 10 में से 8 अंक देता हूं."


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