Delhi News: केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के लाभार्थियों को अस्पतालों में इलाज कराने में राहत देने की कवायद में चिकित्सा अधिकारी के पास जांच के लिए जाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. अब लाभार्थी चिकित्सा अधिकारी के पास गए बिना भी अस्पताल में इलाज के लिए रेफर करा सकेंगे. यही नहीं, वीडियो कॉल के जरिए भी रेफर कराने की सुविधा मिलेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह सुविधा देने के साथ पैकेज की दरों को भी संशोधित करने का निर्णय लिया है.


वेलनेस सेंटर जाना अब जरूरी नहीं


रेफरल प्रक्रिया को सरल बनाए जाने से कर्मचारियों को इलाज कराने में आसानी होगी. अभी तक सीजीएचएस लाभार्थी को अपने या परिजन के इलाज के लिए सीजीएचएस वेलनेस सेंटर जाना पड़ता था. इसके बाद ही अस्पताल में रेफर किए जाने से संबंधित प्रक्रिया पूरी होती थी. लेकिन अब लाभार्थी अगर वेलनेस सेंटर नहीं जा पाता है तो वह किसी को अपने दस्तावेजों के साथ वेलनेस सेंटर भेज सकता है. चिकित्सा अधिकारी दस्तावेजों की जांच के बाद लाभार्थी को अस्पताल जाने के लिए रेफर कर देंगे. वीडियो कॉल के माध्यम से भी रेफर कराने संबंधी प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा.


पैकेज दरों में संसोधन का प्रस्ताव


इस बाबत आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बताया कि सीजीएचएस सुविधा का लाभ पाने वाले कर्मचारी काफी समय से सीजीएचएस पैकेज दरों में संशोधन की मांग कर रहे थे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में परामर्श शुल्क, आईसीयू शुल्क और कमरे के किराए की सीजीएचएस पैकेज दरों को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है. आइए जानते हैं क्या होंगी नई दरों को लेकर क्या है प्रस्ताव:-


- ओपीडी परामर्श 150 से 300 रुपए
- आईपीडी परामर्श 300 से 350 रुपए
- रूम रेंट 1000 रु. (सामान्य), 2000 रु. (सेमी प्राइवेट) और 3000 रु. (प्राइवेट) से बढ़ाकर क्रमश: 1500 रु. 3000 रु. और 4500 रु.
- आईसीयू रूम की दरों में भी वृद्धि प्रस्तावित


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