Delhi News: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दुनिया का पहला मानवरहित (अनमैन्ड) एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम-स्काई यूटीएम को जारी किया. ये एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्रति घंटे 4,000 उड़ानें और प्रति दिन 96,000 उड़ानें संभालने में सक्षम है. सॉफ्टवेयर में यूटीएम टनल सहित कई नए और इनोवेटिव ऑटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल फीचर्स दिए गए हैं. भारत का पहला और एकमात्र ड्रोन एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म, “स्काई यूटीएम”, एक क्लाउड-बेस्ड एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जो मानवयुक्त (मैन्ड) एविशन एयरस्पेस के साथ अनमैन्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को जोड़ता है.
स्काई यूटीएम को एयरस्पेस में सभी ड्रोन और अन्य एरियल मोबिलिटी ऑपरेटरों को ऑटोनमस नेविगेशन, रिस्क एसेसमेंट, कनेक्टिविटी और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रदान करने के लिए बनाया गया है. स्काई टनल, दो स्थानों के बीच एक एयर कोरिडोर और एक इनविजिबल कनेक्ट (अदृश्य संबंध) स्थापित करती है. इस फ्लाइट प्लान को लागू करने के लिए फिजिकल उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई ब्लैंक स्पॉट्स नहीं हैं और टनल पूरी तरह से जुड़ा हुआ है.
स्काई यूटीएम गेम चेंजर-नितिन गडकरी
ड्रोन और आने वाली फ्लाइंग टैक्सियां, जो एक साल में उपलब्ध होंगी, इसके दायरे में आ जाएंगी. एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की जरूरतों और इसकी यूएसपी के बारे में बात करते हुए मंत्री गडकरी ने कहा कि “एटी कंट्रोलर्स के साथ बातचीत करने वाले पायलटों को प्रतिक्रिया करने में कुछ समय लगता है. जिससे पारंपरिक विमानन और ट्रैफिक प्रबंधन में ग़लतियों की संभावना बढ़ जाती है. यूटीएम इस संबंध में एक गेम चेंजर है, क्योंकि ड्रोन के साथ डिजिटल रूप से कम्युनिकेशन करने और हवाई क्षेत्र में ट्रैफिक को जोड़ने से, कम्युनिकेशन एक सेकंड से भी कम समय में हो जाता है और फुलप्रूफ यानि पूरी तरह से सुरक्षित रहता है.
मानवरहित (अनमैन्ड) एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम-स्काई यूटीएम को लॉन्च करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देश में ड्रोन क्रांति आ रही है और ऐसे में इस तरह के एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की काफी अधिक जरूरत है. मानवरहित होने के कारण इसमें गलती की संभावना भी काफी कम हो जाती है और इससे कम्युनिकेशन काफी तेज हो जाएगा. आने वाले समय में देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयोग ड्रोन इंडस्ट्री के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. स्काई यूटीएम ने अब तक 300 से अधिक सफल बीवीएलओएस ड्रोन फ्लाइट्स को सपोर्ट किया है.
प्लेटफ़ॉर्म यूएवी मूवमेंट के 255 से अधिक पैरामीटर्स को कैप्चर करता है और उन्हें अपने “ब्लैकबॉक्स” में स्टोर करता है, जो संपूर्ण उड़ान का एक व्यवस्थित विवरण प्रकाशित करता है. यूटीएम एक क्लाउड-आधारित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली है जो सर्वे ड्रोन से लेकर हवाई टैक्सियों तक सभी प्रकार के ड्रोन से जुड़ती और कम्युनिकेशन करती है. प्लेटफॉर्म का मुख्य कम्पोनेंट एक रीयल-टाइम, अल्ट्रा-फास्ट सिस्टम है जो सुनिश्चित करता है कि यूजर्स इस बात से अवगत हैं कि प्रत्येक ड्रोन हवा में कैसे उड़ रहा है और हवाई क्षेत्र की सुरक्षा को संरक्षित करते हुए अगले 20 सेकंड के लिए अपने कोर्स की भविष्यवाणी कर सकता है.
एयर ट्रैफिक के बारे में जानकारी देते हुए, सीईओ अंकित कुमार ने कहा कि “25,368 विमानों के एक्टिव कमर्शियल फ्लीट के साथ मॉडर्न एविएशन इंडस्ट्री 70 साल पुराना है. जबकि अनमैन्ड एविएशन इंडस्ट्री लगभग दस सालों से अस्तित्व में है और इसमें दस लाख से अधिक एक्टिव यूएवी हैं. इसके अलावा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर की उच्चतम क्षमता प्रति घंटे 120 उड़ानें और प्रति दिन 1200 उड़ानें हैं.” इन खतरनाक आंकड़ों को देखते हुए, हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों में अधिक से अधिक ड्रोन आसमान में ले जाने से आकाश में कितनी अधिक भीड़ हो जाएगी.
यूटीएम इसलिए इन सभी ड्रोनों में ट्रैफिक मैनेजमेंट और सामान्य भ्रम या अराजकता को रोकने के लिए आवश्यक है. स्काई यूटीएम की उच्चतम क्षमता प्रति घंटे 4,000 उड़ानें और प्रति दिन 96,000 उड़ानें हैं. ये आंकड़ें बहुत अच्छी तरह से नए सॉफ्टवेयर की आवश्यकता और इसके फायदों का संकेत देती हैं.” स्काई यूटीएम ड्रोन एयरस्पेस को ज़ोन में व्यवस्थित करता है जो हाई स्पीड संचालन, डिलीवरी, बड़े ड्रोन और यात्री विमानों के लिए नामित हैं.
इनमें से प्रत्येक सीमा हवाई क्षेत्र को यूएवी की जरूरतों के लिए कस्टमाइज्ड करने की अनुमति देती है. अपने क्लाउड आर्किटेक्चर और रीयल-टाइम कम्युनिकेशन एपीआई के माध्यम से, स्काई यूटीएम एएनएसपी, हेली-ड्रोन और अन्य सभी मानवयुक्त एविएशन सिस्टम्स के साथ इंटीग्रेट करता है ताकि मूवमेंट्स का कोऑर्डिनेशन किया जा सके और एयरस्पेस की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके. भारत में इस नए सिस्टम की सफल कमर्शियल शुरुआत के साथ, स्काई यूटीएम अब सभी के लिए आसानी से उपलब्ध है. आने वाले दिनों में विश्व स्तर पर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम भी पेश किया जाएगा.
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