UP Election 2022: तीन दिन चली पंचायत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत का ऐलान, किसी पार्टी को समर्थन नहीं, किसान खुद करें फैसला
Prayagraj: किसान संगठनों के द्वारा प्रयागराज में हुई तीन दिवसीय मंथन सत्र खत्म होने की जानकारी दी है. राकेश टिकैत बैठके बाद किसी पार्टी को समर्थन नहीं करने के साथ कई और ऐलान किए.
Rakesh Tikait: किसान संगठनों के प्रयागराज में हुए तीन दिवसीय मंथन सत्र खत्म होने की जानकारी किसान नेता राकेश टिकैत ने दी है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की सबसे बड़ी जीत यह है कि राजनीतिक दल अब उनके बारे में सोचते हैं. हम चुनाव में किसी का समर्थन नहीं करेंगे, चुनाव में किसान खुद फैसला करें. इस मंथन सत्र के दौरान आगे की रणनीति पर भी चर्चा की गई है.
ये हुआ फैसला
तीन दिवसीय मंथन सत्र खत्म होने की जानकारी किसान नेता राकेश टिकैत ने दी है. किसान संगठनों की ये बैठक प्रयागराज के माघ मेला क्षेत्र में हुई है. इस बैठक के आखिरी दिन फसलों के न्यूनतम समर्थन के लिए बड़े आंदोलन की चर्चा की गई. इसके अलावा किसानों ने डेयरी, खाद और बीज आदि पर प्रस्तावित बिल का विरोध करना का फैसला किया है. हालांकि उन्होंने विधानसभा चुनाव को देखते हुए आंदोलन की तारीख की घोषणा नहीं की है. किसान नेता ने लखीमपुर खिरी मामले में अफसरों के रवैये पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि घटना के दौरान अफसरों द्वारा किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं. इसको लेकर किसान संगठन की दस सदस्यों की टीम 22 जनवरी से लखीमपुर खिरी में रहेगी. वे पीड़ित किसान परिवारों के साथ अफसरों से वार्ता करेंगे.
आंदोलन के कारण आज सभी राजनीतिक पार्टियों ने किसान का नाम लेना शुरू किया है, ये आंदोलन की बड़ी जीत है। किसानों को नफा-नुकसान खुद देखना है, हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं करते: प्रयागराज में राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के नेता (18.1.22) pic.twitter.com/rUog1e1LwZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 18, 2022">
मजबूत होगा संगठन
किसान संगठनों ने प्रयागराज मेला क्षेत्र में हुई बैठक में चुनाव के दौरान किसी का समर्थन नहीं करने और किसानों द्वारा खुद फैसला लेने की बात कही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि राजनीतिक दल अब उनके बारे में सोचते हैं ये किसान आंदोलन की सबसे बड़ी जीत है. वहीं संगठन द्वारा 22 जनवरी से तीन दिन तक विश्वासघात दिवस मनाने की भी घोषणा की. संगठन द्वारा एमएसपी की मांग व कृषि संबंधित अन्य प्रस्तावित बिल का विरोध करने की भी रणनीति बनी है. संगठन की बैठक के दौरान किसान संगठन को ब्लाक स्तर पर मजबूत करने के साथ ही किसानों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है.
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